चोरेया (तौफीक आलम) : झारखंड के रांची के वीर शहीद अभिषेक कुमार साहू को रांचीवासियों ने आज आखिरी विदाई दी. शहीद अभिषेक के रांची जिले के चान्हो प्रखंड स्थित पैतृक गांव चोरेया में सम्मान के साथ आखिरी सलामी दी गयी. इस दौरान अंतिम दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा. आपको बता दें कि देश की सीमा पर रक्षा करते हुए लद्दाख में भारतीय जवान अभिषेक कुमार साहू शहीद हो गये थे.
लद्दाख में शहीद हुए रांची के लाल अभिषेक कुमार साहू की अंत्येष्टि आज बुधवार को उनके पैतृक गांव रांची के चोरेया में की गयी. भारतीय सेना के इस जवान का पार्थिव शरीर मंगलवार की शाम को रांची पहुंचा था. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने रांची एयरपोर्ट पहुंचकर शहीद अभिषेक कुमार के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी थी. इसके बाद अभिषेक के पार्थिव शरीर को सेना द्वारा नामकुम ले जाया गया था.
आज बुधवार की सुबह शहीद के पार्थिव शरीर को नामकुम से चान्हो के चोरेया ले जाया गया. इस दौरान रास्ते में रांचीवासियों ने अपने लाल को पुष्पांजलि देकर आखिरी विदाई दी. रांची के रातू स्थित काठीटांड़ में वीर शहीद अभिषेक कुमार साहू के अंतिम दर्शन के लिए लोग इंतजार कर रहे थे. सेना की गाड़ी आते ही माहौल देशभक्तमय हो गया. भारत माता की जय, अभिषेक कुमार साहू अमर रहे के जयकारे लगाये जाने लगे. हाथों में तिरंगा लिए लोगों ने वीर शहीद को श्रद्धांजलि दी.
शहीद अभिषेक कुमार साहू के सम्मान में चोरेया से चोरेया मोड़ तक लोगों ने मानव शृंखला बनायी. मानव शृंखला में भाग लेने वाले लोगों के हाथों में तिरंगा था. शहीद के पार्थिव शरीर पर लोगों ने पुष्प की वर्षा की. शहीद के स्वागत के लिए मांडर के सोसई आश्रम के निकट भी युवाओं की टोली मौजूद थी. चोरेया सहित आसपास के इलाके में शहीद के सम्मान में लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखीं.
आपको बता दें कि शहीद अभिषेक कुमार साहू रांची जिले के चान्हो प्रखंड के चोरेया गांव के रहनेवाले थे. 25 अक्टूबर 2020 को लद्दाख में वे शहीद हो गये थे. 25 अक्टूबर को लद्दाख में शहीद होने के बाद अभिषेक के परिजनों को सूचना दी गयी थी कि उनका बेटा देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया.
भारी भीड़ के बीच सेना के जवानों ने शहीद को अंतिम सलामी दी. इस दौरान क्षेत्र भारत माता की जय, वंदे मातरम, जब तक सूरज चांद रहेगा, अभिषेक तेरा नाम रहेगा, शहीद अभिषेक कुमार अमर रहे के नारों से इलाका गूंजता रहा. शहीद अभिषेक कुमार साहू का पार्थिव शरीर जैसे ही आज सुबह 10 बजे उनके पैतृक आवास पर पहुंचा, तो उनके परिजनों के करुण क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया.
मां कांति देवी, बड़ी बहन आरती कुमारी व दादी चांदो देवी का रो-रो कर बुरा हाल था. बड़े भाई परमानंद गुप्ता के भी आंसू थम नहीं रहे थे. परिजनों का हाल देख वहां शहीद के अंतिम दर्शन के लिये आये लोगों की आंखें भी नम हो गयी थीं. सेना के जवानों द्वारा सशस्त्र सलामी के बीच लोगों ने नम आंखों से अपने गांव के वीर सपूत को विदा किया. बड़े भाई परमानंद साहू ने शहीद को मुखाग्नि दी.
Posted By : Guru Swarup Mishra