रांची : झारखंड की राजधानी रांची में 7 सितंबर को हुई भारी बारिश के बाद उफनाये नाले में बहने वाले उमेश राणा का शव अब तक बरामद नहीं हो सका है. करीब 40 घंटे बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम को बुलाया गया. टीम ने उमेश के शव की तलाश शुरू की, लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी. बुधवार की रात में रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया गया. नगर निगम और एनडीआरएफ की टीम गुरुवार सुबह फिर से उमेश के शव की तलाश शुरू करेगी. जिस पुल से उमेश बहा था, वहां से स्वर्णरेखा नदी तक तलाश की जायेगी.
दो दिन पहले शहर में दोपहर बाद घनघोर बारिश हुई, जिसकी वजह से नाले का पानी पुल के ऊपर से बहने लगा. पानी की तेज धार को पार करने की कोशिश में उमेश राणा बाइक के साथ नाले में बह गया. उसका साथी उसे बचाने के लिए उफनाये नाले में कूद गया. लेकिन, वह भी तेज धार में बह गया. लोगों ने उसे बहते देखा, तो रस्सी के सहारे किसी तरह उसकी जान बचायी.
उमेश की बाइक तेज धार में थोड़ी देर बहने के बाद फंस गयी, लेकिन युवक का कोई अता-पता नहीं चला. घटना सोमवार शाम 4:30 बजे सदर थाना क्षेत्र के खोरहाटोली आइटीआइ गली और आनंद नगर के बीच नाले पर बने पुल पर हुई. मूल रूप से हजारीबाग के इचाक का रहने वाला उमेश बढ़ई था. पत्नी बेबी के साथ महावीर नगर में किराये के मकान में रहता था.
मंगलवार सुबह उसकी बाइक बरामद हो गयी, लेकिन युवक के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है. प्रत्यक्षदर्शियों की मानें, तो युवक को पानी की तेज धार को देखते हुए पुल पार करने से मना किया गया था, लेकिन वह नहीं माना. पुल पर उसका संतुलन बिगड़ गया और युवक गिर गया. लोगों ने कहा कि बाइक छोड़कर लौट जाओ, लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी.
खोरहाटोली आइटीआइ गली और आनंद नगर को जोड़ने वाले इस पुल पर ऐसे कई हादसे हो चुके हैं. नाले में बह जाने की वजह से कई लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. पुल सड़कों से काफी नीचे है. इसलिए जब भी तेज बारिश होती है, पानी की तेज धार पुल के ऊपर से बहने लगती है. उस वक्त जो भी पुल पार करने की कोशिश करता है, नाले में बह जाता है.
तीन-चार साल पहले एक अधेड़ व्यक्ति पुल से बह गया था. उसकी मौत हो गयी. कुछ दिनों पहले बारिश में दो लड़कियां भी बह रही थीं, लेकिन स्थानीय लोगों ने इन्हें बचा लिया. बताया जाता है कि अतिक्रमण भी एक वजह है कि नाले में थोड़ी-सी भी बारिश होने पर उफान आ जाता है. इसका खामियाजा पुल से गुजरने वाले और आसपास के लोगों को भुगतना पड़ता है.
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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि आनंद नगर, महावीर नगर और लोआडीह होते हुए यह नाला जोरार में स्वर्णरेखा नदी में मिल जाता है. इसलिए लोगों को उम्मीद थी कि लोआडीह के समीप बने पुल के पास उमेश राणा का शव मिल सकता है. लेकिन, पुलिस और एनडीआरएफ की टीम की अब तक की तमाम कोशिशें बेकार ही साबित हुई हैं.
Posted By : Mithilesh Jha