रांची : गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा का किसी न किसी प्रोग्राम के बहाने लगातार रांची आना-जाना लगा रहता था. वो कहती थीं कि रांची की आबोहवा यहां आने के लिए मजबूर करती है. श्रीमती सिन्हा कई बार रांची आयीं हैं. नौ फरवरी 2014 में जब वह समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष थीं, तो मोरहाबादी में विकास भारती के तत्वावधान में आयोजित युवा दस्तक कार्यक्रम में शामिल हुईं.
इसमें उन्होंने वहां पहुंचे युवाअों से बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, नशापान व डायन कुप्रथा के खिलाफ अभियान चलाने की अपील की. 13 जून 2016 को पुन: वह रांची पहुंची. इस बार गोवा की राज्यपाल के रूप में विकास भारती में आयोजित संवाद कार्यक्रम में शामिल हुईं. वहां उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए संजु कुमारी व सरस्वती कुमारी को सिनगी देई सम्मान से सम्मानित किया.
श्रीमती सिन्हा लायंस क्लब कैपिटल के तत्वावधान में 25 जोड़ों की सामूहिक विवाह कार्यक्रम में भी शामिल हुईं अौर वर-वधू को आशीर्वाद दिया. 19 दिसंबर 2019 को भी वह रांची आयीं अौर राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट कर विभिन्न मुद्दों पर खुल कर चर्चा कीं. 20 दिसंबर 2019 को श्रीमती सिन्हा रांची विवि व केंद्रीय हिंदी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में आयोजित राष्ट्रकवि दिनकर की कालजयिता विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहीं.
श्रीमती सिन्हा ने 2019 में बिहार में 14 महिला साहित्यकारों डॉ ऋता शुक्ल, शकुंतला मिश्र, महुआ माजी, यशोधरा राठौर, निर्मला पुतुल, शांति सुमन, त्रिपुरा झा, शब्दा शर्मा प्रीति, तारामणि पांडेय, नंदा पांडेय, रेणु झा, उषा श्रीवास्तव, कविता, सुष्मिता पांडेय, गीता गंगोत्री आदि को सम्मानित भी किया था.
Posted by : sameer oraon