Jharkhand News, Rims Ranchi News रांची : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में हृदय रोगियों से भेदभाव हो रहा है. आयुष्मान भारत योजना में हृदय रोगी से एंजियोप्लास्टी का खर्च बीमा राशि से 30 से 40 हजार रुपये (न्यूनतम) लिया जाता है, वहीं उसी उपकरण का सामान्य मरीजों को 55 से 60 हजार रुपये देना पड़ता है. पेसमेकर का खर्च आयुष्मान लाभुक की बीमा राशि से 40 से 45 हजार रुपये लिया जाता है, वहीं सामान्य मरीजों को उसी का 60 से 65 हजार रुपये देना पड़ता है.
यूं कहें कि आयुष्मान के लाभुक कम खर्च में इलाज करा रहे हैं, वहीं सामान्य हृदय रोगी को दोगुनी राशि देनी पड़ रही है. ऐसी हालत तब है, जब कार्डियोलॉजी विभाग में रेट कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम लागू है. ऐसे में आयुष्मान लाभुकों को कॉन्ट्रैक्ट रेट पर उपकरण मिल जा रहा है, लेकिन सामान्य मरीज ज्यादा पैसा देने को विवश हैं.
रिम्स सूत्रों की मानें, तो सामान्य हृदय रोगियों को इस रेट कॉन्ट्रैक्ट से जोड़ने के लिए रिम्स प्रबंधन को काउंटर बनाना होगा. काउंटर पर रेट कॉन्ट्रैक्ट वाली कंपनियों से तय राशि परिजनों से जमा करा ली जाती है. परिजनों द्वारा बिल जमा करने पर कंपनी के प्रतिनिधि कैथलैब में सीधे उपकरण को उपलब्ध करा देते.
इससे परिजनों की परेशानी कम हो जाती और खर्च भी कम हो जाता. ज्ञात हो कि केंद्र ने स्टेंट की कीमत तय कर दी है, लेकिन उसके साथ लगनेवाले कंज्यूमेबल आइटम की दर निर्धारित नहीं है. ऐसे में कंज्यूमेबल आइटम का कंपनी के प्रतिनिधि एमआरपी पर पैसा लेते हैं. वहीं पेसमेकर (सिंगल या डबल चेंबर) का पैसा भी वर्तमान में एमआरपी पर लिया जाता है.
रिम्स में पेसमेकर के लिए भी कंपनियों से रेट कॉन्ट्रैक्ट किया गया है, लेकिन कंपनियों ने चालाकी से सस्ती दरवाले पेसमेकर को कॉन्ट्रैक्ट से हटा लिया है. ऐसे में आयुष्मान के लाभुकों से ज्यादा पैसा देने के साथ-साथ टॉप मॉडल का पेसमेकर सामान्य मरीजों को लगवाना पड़ रहा है. टॉप मॉडल के पेसमेकर का पैसा करीब दो लाख तक आता है. कंपनी के प्रतिनिधि मरीज के परिजनों को पेसमेकर की क्वालिटी का हवाला देकर टॉप मॉडल का उपकरण लगवा देते हैं.
हृदय रोगियों को लाभ देने के लिए कंपनियों से रेट कॉन्ट्रैक्ट किया गया है. सामान्य मरीज भी उसी दर पर कंपनियों के प्रतिनिधि से मंगा सकते हैं. काउंटर खोलने की योजना है, लेकिन अभी इसमें समय लगेगा. सरकार से पैकेज सिस्टम को लागू करने के लिए मैन पावर की मांग की गयी है.
डॉ कामेश्वर प्रसाद, निदेशक रिम्स
Posted By : Sameer Oraon