मुख्य संवाददाता, रांची
रिम्स में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू करने का प्रयास दोबारा तेज हो गया है. रिम्स के स्टेट आर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (सोटो) ने इससे संबंधित प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया है. प्रस्ताव में यह बताया गया है कि रिम्स में नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, सुपर स्पेशियलिटी विंग के अलावा प्रशिक्षित एनिस्थिसिया विभाग के डॉक्टर हैं, इसलिए किडनी ट्रांसप्लांट को अनुमति मिलने के बाद शुरू किया जा सकता है. नेफ्रोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग द्वारा भी इससे संबंधित प्रस्ताव रिम्स प्रबंधन को भेजा गया है.
इधर, इसी कड़ी में नेफ्रोलॉजी विभाग में 25 बेड का डायलिसिस यूनिट भी तैयार किया जा रहा है. 25 बेड के इस विंग में नेफ्रो प्लस का सहयोग लिया गया है. नेफ्रो प्लस से अनुबंध कर सेटअप तैयार कर लिया गया है. मशीनें भी मंगा ली गयी हैं. फिलहाल आंतरिक साज-सज्जा का काम चल रहा है. उम्मीद है कि एक महीना बाद यह विंग मरीजों के लिए उपलब्ध हो जायेगा. सूत्रों ने बताया कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग भी राज्य के सरकारी संस्थान में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू करने को लेकर गंभीर है.
रिम्स में ब्रेन डेथ वालों से मिलेगा अंगदान
रिम्स में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा ब्रेन डेथ वाले मरीजाें से की जायेगी. इससे किडनी के गंभीर मरीजों को अंगदान के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. राज्य में मेदांता और मेडिका अस्पताल में किडनी डोनर (परिवार का सदस्य) मिलने के बाद यह सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है.
किडनी ट्रांसप्लांट शुरू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग काे प्रस्ताव भेजा गया है. वहां से अनुमति मिल जाने के बाद हम पूरी तरह से तैयार हैं. रिम्स में इससे संबंधित विभाग पूरी तरह सुसज्जित है, इसलिए यहां किडनी ट्रांसप्लांट आसानी से शुरू किया जा सकता है.
डॉ राजीव रंजन, नोडल अधिकारी, सोटो