Jharkhand News: केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से सम्मेद शिखर मामले में जारी किये गये नोटिफिकेशन में संशोधन करने के लिए अनुशंसा करने को कहा है. केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री चंद्रप्रकाश गोयल ने इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र लिखा है. राज्य सरकार को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा भेजी गयी अनुशंसा के आलोक में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पारसनाथ अभ्यारण्य को इको सेंसिटिव जोन (इएसजेड) घोषित किया था.
इसके लिए दो अगस्त 2019 को गजट (एसओ-2795) प्रकाशित किया गया था. गजट प्रकाशित होने के बाद से जैन समुदाय व अन्य द्वारा ज्ञापन दिया गया. इसमें यह कहा गया था कि पारसनाथ अभ्यारण्य जैन समुदाय का पवित्र तीर्थस्थल है. यहां इको टूरिज्म की गतिविधियों से जुड़े विकास कार्य किये गये हैं. इससे जैन समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है. जैन समुदाय की ओर से सौंपे गये ज्ञापन में पारसनाथ को इको सेंसिटिव जोन घोषित किये गये फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गयी है. मंत्रालय को इससे संबंधित और भी ज्ञापन मिले हैं. इन ज्ञापनों को राज्य सरकार के पास भेजा जा रहा है.
राज्य सरकार ने 22 दिसंबर को भेजे गये अपने पत्र में सम्मेद शिखर की पवित्रता बनाये रखने के मामले में अपनी दढ़ृ इच्छाशक्ति जतायी है. राज्य सरकार इन ज्ञापनों के आलोक में प्राथमिकता के आधार पर इको सेंसिटिव जोन के नोटिफिकेशन पर विचार कर आवश्यक संशोधन की अनुशंसा करे.
जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्री सम्मेद शिखर जी के मुद्दे पर बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात की. श्री गहलोत के अनुसार, सोरेन ने इस मुद्दे का जल्द सकारात्मक हल निकालने का आश्वासन दिया है. इस संबंध में उन्होंने ट्वीट भी किया. इसमें उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जैन समाज की मांग से भी अवगत कराया.
श्री दिगंबर जैन पंचायत के बैनर तले श्री सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल घोषित करने के खिलाफ गुरुवार को दोपहर एक बजे गिरिडीह दिगंबर जैन मंदिर से मौन जुलूस निकाला जायेगा.