रांची: रांची से बीजेपी सांसद संजय सेठ ने शुक्रवार को अपने अरगोड़ा स्थित कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इंडिया (I.N.D.I.A) गठबंधन के नेताओं द्वारा लगातार सनातन धर्म पर हमला बोला जा रहा है. सनातनी भावनाओं पर कुठाराघात किया जा रहा है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इन नेताओं के द्वारा सनातन को मिटाने की बात कही जा रही है. इन्हें सोचना चाहिए कि जो सनातन मुगलों की तलवार से नहीं मिटा, अंग्रेजों के अत्याचार से नहीं मिटा, वह सनातन उनके बोलने भर से मिट नहीं जाएगा. वोट बैंक की भूख में ये लोग किस हद तक गिर सकते हैं, इसका जीता जागता उदाहरण यह प्रकरण है. ऐसे नेता जो कभी सनातन से जुड़े हुए थे. उन्होंने खुद लालच में आकर अपना धर्मांतरण कर लिया और अब ऐसे लोग आज सनातन को मिटाने की बात करते हैं. यह हास्यास्पद स्थिति है. इतिहास गवाह रहा है कि सनातन को मिटाने वाले लोग खुद मिट गए हैं. उनका समूल नाश हो गया है. ऐसे नेताओं को कम से कम इस तरह की अनर्गल बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. संजय सेठ कहते हैं कि यदि कुछ बेहतर करना है तो मैं खुली चुनौती देता हूं कि यह पहाड़ी मंदिर के क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करें. उसकी घेराबंदी करें. संकट मोचन हनुमान मंदिर पर जो हमला किया गया, उसके दोषियों पर कार्रवाई करें, तभी मैं मानूंगा कि वास्तव में मंदिरों के प्रति ये चिंतित हैं वर्ना मंदिरों का राजनीतिकरण नहीं करें.
सनातन के बयान पर स्टैंड क्लियर करें झामुमो व कांग्रेस के नेता
सांसद संजय सेठ ने कहा कि इंडिया गठबंधन से जुड़े उन तमाम दलों को अपने-अपने राज्य की जनता के समक्ष पर सफाई देनी चाहिए. मैं झामुमो और कांग्रेस के झारखंड के नेताओं से मांग करता हूं कि यह जनता के सामने बताएं कि सनातन को मिटाने का जो बयान दिया गया है, उस पर इनका क्या स्टैंड है? इन्हें अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए वर्ना आने वाले चुनाव में जनता इन्हें बिना स्टैंड का बना कर रखेगी.
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धार्मिक न्यास बोर्ड का कदम सनातनी भावनाओं से खिलवाड़
सांसद संजय सेठ ने कहा कि झारखंड की इंडिया गठबंधन वाली सरकार के द्वारा कुछ दिन पहले राजनीतिक पूर्वग्रह से ग्रसित होकर धार्मिक न्यास बोर्ड का गठन किया गया. विभिन्न पदों पर उनकी नियुक्तियां की गयीं. निश्चित रूप से लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए यह अच्छा है, परंतु इसके बाद धार्मिक न्यास बोर्ड ने जिस तरह के कदम उठाने शुरू किए गए, वह सनातनी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाला है. सनातनी धार्मिक स्थान के साथ खिलवाड़ करने वाला है. इसके साथ ही लोकतांत्रिक व्यवस्था और संविधान को भी चुनौती देने वाला है.
महंत परंपरा को भी दी है चुनौती
सांसद संजय सेठ ने कहा कि जिस तरह से पहाड़ी मंदिर में समिति का गठन किया गया, मेन रोड में संकट मोचन मंदिर में समिति का गठन किया गया, यह असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है. पहाड़ी मंदिर में पूर्व से ही एक समिति काम कर रही है, जिसके अध्यक्ष डीसी हैं. सचिव एसडीओ हैं, जबकि मेन रोड का संकट मोचन मंदिर महंत परंपरा से संचालित होता है. इस धार्मिक न्यास बोर्ड ने राजनीतिक आड़ में भारतीय संविधान का भी मजाक उड़ाया है और हमारी महंत परंपरा को भी चुनौती दी है. इन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि मंदिर राजनीति का अखाड़ा नहीं है. मंदिरों में ये राजनीति नहीं करें.
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पहाड़ी मंदिर क्षेत्र को करें अतिक्रमण मुक्त
सांसद संजय सेठ कहते हैं कि यदि कुछ बेहतर करना है तो मैं खुली चुनौती देता हूं कि यह पहाड़ी मंदिर के क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त करें. उसकी घेराबंदी करें. संकट मोचन हनुमान मंदिर पर जो हमला किया गया, उसके दोषियों पर कार्रवाई करें, तभी मैं मानूंगा कि वास्तव में मंदिरों के प्रति ये चिंतित हैं वर्ना मंदिरों का राजनीतिकरण नहीं करें. मंदिर को मंदिर ही रहने दें. वह हमारी भावनाओं के केंद्र है. हमारी भावनाओं से खिलवाड़ करेंगे, सनातन संस्कृति से खिलवाड़ करेंगे तो यह खिलवाड़ और इसका परिणाम जनता आने वाले वक्त में दिखा देगी.