रांची : लॉकडाउन के लगभग दो माह पूरे होने जा रहे हैं. लोगों ने संयम के साथ लॉकडाउन का पालन किया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर बचाव के तरीके सीखे. कोरोना वायरस से बचाव के लिए हर शख्स मास्क पहने नजर आता है. वहीं गांव से लेकर शहर तक लोग सेनिटाइजर का प्रयोग कर रहे हैं. इसका सकारात्मक असर भी दिख रहा है. झारखंड में दूसरे राज्यों की तुलना में कोरोना संक्रमितों की संख्या कम है. इसे देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन में कई तरह की छूट दी हैं. सीमेंट, छड़, दवा व किताब दुकान से लेकर निजी कार्यालय तक खोले गये हैं. बाहर से भी बड़ी तादाद में प्रवासी मजदूर समेत अन्य लोग आ रहे हैं. ऐसे में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. भीड़ से कैसे बचें, यह ध्यान रखना भी सबके लिए जरूरी होगा. पता नहीं कौन कोरोना संक्रमित आपके पास खड़ा हो और आप संक्रमित हो जायें. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग ही बचाव का एकमात्र उपाय है. सरकार ने लॉकडाउन लगाया है, तो वह सिर्फ आपकी सुरक्षा के लिए. यह कोई कानूनी शिकंजा नहीं है, बल्कि आपके स्वास्थ्य की रक्षा के लिए ऐसा किया गया है.
ऐसे में अपने आपको सुरक्षित रखते हुए ही अपने दैनिक कार्यों और जरूरतों को पूरा करना होगा.संयम अंदर, कोरोना बाहर झारखंड के लोगों ने जहां भी सब्र और संयम का परिचय दिया, उस क्षेत्र से कोरोना या तो बाहर हो गया है या बाहर होने की कगार पर है. झारखंड में 20 मई शाम पांच बजे तक 248 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं. जिन जिलों में या जिन स्थानों पर केस मिले, वहां सरकार ने कंटेनमेंट जोन बना दिया. यानी कोई बाहर नहीं निकलेगा और न ही कोई अंदर जा पायेगा. लोगों ने सख्ती से इसका पालन किया. संयम का परिचय दिया, तो कंटेनमेंट जोन से बाहर भी आ गये हैं. राज्यभर में कुल 83 कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं. पर इनमें 37 जोन कंटेनमेंट से बाहर हो गये हैं. यानी पिछले 14 दिनों में वहां कोई केस नहीं आया.
नतीजा हुआ कि उन स्थानों को अब खोला जा रहा है. रांची के लोग 25 कंटेनमेंट जोन में थे, 16 बाहर हुएरांची का ही उदाहरण लें तो रांची में अबतक 105 केस मिल चुके हैं. पर यहां के लोगों ने संयम का परिचय दिया. रांची जिले में 25 कंटेनमेंट जोन बन गये थे. पर 20 मई तक 16 कंटेनमेंट जोन इससे बाहर निकल गये हैं. वजह है कि इन इलाकों के लोगों ने सरकार का कहना माना. घर से बाहर नहीं निकले. 14 दिनों तक कोई केस नहीं मिला. मरीज भी तेजी से ठीक हुए हैं. रांची में 105 मरीजों में 91 ठीक हो चुके हैं. दो की मौत हो चुकी है. यहां एक्टिव केस केवल 12 बचे हैं. चार जिले कोरोना संक्रमण से मुक्तराज्य में बोकारो, गोड्डा, जामताड़ा और दुमका कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं. बोकारो के पांच, गोड्डा के एक, दुमका के दो और जामताड़ा के दो कंटेनमेंट जोन थे. अब सभी कंटेनमेंट जोन हटा दिये गये हैं. इसी तरह देवघर में तीन, धनबाद में दो कंटेनमेंट जोन हटाये गये हैं.
इन जिलों में अभी भी हैं एक्टिव केस
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रांची-12
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हजारीबाग®29
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धनबाद-04
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गिरिडीह-09
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सिमडेगा-01
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कोडरमा-08
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देवघर-01
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गढ़वा-26
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पलामू-07
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पूर्वी सिंहभूम-06
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लातेहार-04
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लोहरदगा-02
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रामगढ़-03
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प. सिंहभूम-01
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गुमला-02
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सरायकेला-01
4.41 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है कोरोना
झारखंड में कोरोना की वृद्धि दर 4.41 प्रतिशत है. जबकि भारत में 5.24 प्रतिशत है. झारखंड में 16.1 दिनों में कोरोना के केस दोगुने हो जा रहे हैं. हालांकि, यहां मरीजों के ठीक होने की दर 51.20 प्रतिशत है.
भारत में यह दर 38.73 प्रतिशत है. पिछले एक माह में पांच गुना बढ़े मामलेअध्ययन से पता चलता है कि पिछले एक माह के राज्य में कोरोना के मामले पांच गुना बढ़ गये हैं. 20 अप्रैल को जहां पूरे राज्य में केवल 45 केस थे. वहां 20 मई को पांच गुना बढ़कर 248 हो गये हैं. हालांकि, इनमें 97 बाहर से आनेवाले प्रवासी हैं. पर एक सुखद बात है कि इस दौरान मरीजों के स्वस्थ होने की दर भी बढ़ी है. 20 अप्रैल को जहां एक भी मरीज स्वस्थ नहीं हुए थे, वहीं 20 मई तक 129 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. 20 मई शाम पांच बजे तक राज्य में कोरोना के कुल एक्टिव केस 116 ही हैं.
पिछले एक माह में कैसे बढ़ा केस
दिनांक-केस की संख्या-स्वस्थ हुए
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20.4.2020-45-00
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25.4.2020-67-13
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30.4.2020-109-20
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05.5.2020-125-33
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10.5.2020-157-78
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15.5.2020-211-97
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20.5.2020(सुबह में)-248-127
आपस में मिलें पर 30 मिनट से ज्यादा साथ न रहें : विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमित व्यक्ति के साथ अगर आप 10 मिनट भी रह जाते हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं. अाप पांच दिनों तक खुद पर ध्यान दें. अगर कोई लक्षण दिखे तो डॉक्टर से सलाह लें. वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आपने मास्क पहना हो, छह फीट की दूरी पर खड़े हो कर 30 मिनट तक कोरोना संक्रमित से बात भी की है तो कोई जरूरी नहीं कि आप भी संक्रमित हो जायेंगे. ऐसे में घबरायें नहीं. कई बार लोग सुनते हैं कि फलां व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया तो लोग घबरा जाते हैं कि मैं भी दो दिन पहले उससे मिला था. अगर आपने बचाव के तरीके का पालन किया है, तो आपको कुछ नहीं होगा.
इसका भी रखें ख्याल-
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-घर मेंआये सामान काे पहले ग्लब्स पहन कर साफ करें
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– होम डिलिविरी से आये सामान का भुगतान इलेक्ट्रानिक पेमेंट से करें
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– सेंट्रल व स्प्लीट एसी का प्रयोग तय तापमान के हिसाब से करें
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– संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ गये हैं तो पांच दिन तक खुद को अलग रखें
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– फेस-टू-फेस मीटिंग नहीं करे, जिससे संपर्क में आने का खतरा कम होगा
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– 30 फीसदी रिपोर्ट निगेटिव आती है, इसलिए सतर्कता ज्यादा जरूरी
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– क्वारेंटाइन, आइसोलेशन व निगरानी तीन चरण हैं, उसके मानकों का पालन करें
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– घर में डायनिंग टेबल आमने-सामने नहीं लगाये, दूरी के साथ अगल-बगल कर लें
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– ब्लड प्रेशर, अस्थमा, हार्ट, डायबिटीज को नियंत्रित करें
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– धूम्रपान करने से बचे, क्याेंकि ऐसे व्यक्ति को कोरोना का खतरा ज्यादा रहता है
कोरोना को लेकर लोगों में भय ज्यादा है. डर से लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है. पहले से ही कहा जा रहा है कि कोरोना के बीच में रहने की आदत डालनी होगी. मीटिंग होगी ही, काम करना ही पड़ेगा, लेकिन सुरक्षा का ख्याल रखते हुए.
डॉ दिनेश कुमार सिंह, निदेशक रिम्स
अपने को बचाना ही हमारे हाथ में है. मीटिंग करें, लेकिन 30 मिनट से पहले खत्म कर लें. मास्क अवश्य लगायें, क्योंकि इससे बचाव होगा. 10 मिनट तक अगर आप संक्रमित व्यक्ति के साथ रह भी जाते हैं, तो सावधानी बरतें.
डॉ देवेश कुमार, कोविड अस्पताल के विशेषज्ञ
बुधवार को लालजी हीरजी रोड स्थित कृष्णा हार्डवेयर में दुकानदार अनिल अग्रवाल और उनके सभी स्टाफ मास्क पहने हुए थे. दुकान के सामने ही हैंड सेनिटाइजर भी रखा है. हर ग्राहक से मास्क पहनकर ही दुकान में आने को कहा जा रहा था. दूर-दूर बैठा कर ऑर्डर लिया जा रहा था. इसी तरह महावीर चौक स्थित एक इलेक्ट्रिकल दुकान में दुकानदार ग्राहकों को भी सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने का आग्रह किया जा रहा था. हाथों को सेनिटाइज भी कराया जा रहा था. स्टाफ मास्क के साथ ग्लव्स पहने हुए थे. ग्राहक भी इसका पालन करते दिखे.उधर लापरवाही
कोरोना को लेकर कई दुकानों में दुकानदारों के साथ-साथ लोग भी काफी लापरवाह दिखे. आपकी यह लापरवाही भारी पड़ सकती है. खुद के साथ-साथ अपने परिवार को भी आप खतरे में डाल सकते हैं. खास कर पुस्तक पथ, श्रद्धानंद रोड, लालपुर चौक स्थित दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग का कोई पालन नहीं हो रहा था. कई दुका नों में लोग पास-पास में ही खड़े दिखे. दुकानदार भी बस व्यापार में व्यस्त दिखे.