रांची : प्राकृति पर्व सरहुल को लेकर तैयारियां शुरू हो गयी है, पिछले 2 सालों से कोरोना के कारण शोभा यात्री नहीं निकाली जा सकी थी, लेकिन इस बार सब कुछ ठीक रहा तो 4 अप्रैल को भव्य जुलूस निकाला जाएगा. जिसकी तैयारी शुरू हो चुकी है. इसी तैयारी के सिलसले में कल केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की की अध्यक्षता में सिरोम टोली में धार्मिक सामाजिक संगठनों की बैठक हुई़.
बैठक में अजय तिर्की ने कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर पिछले दो वर्ष समिति की ओर से सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए सिर्फ पूजा-अर्चना कर सरहुल पर्व का आयोजन किया गया.
इस वर्ष सरहुल के मौके पर भव्य आयोजन होगा. रांची के विभिन्न क्षेत्र से शोभायात्रा निकाली जायेगी. झांकी के साथ पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य करते लोग सिरोम टोली पहुंचेंगे. समिति अच्छा प्रदर्शन करनेवाली खोड़हा टीम को प्रोत्साहित करेगी. प्रथम पुरस्कार के रूप में 51,000 रुपये, द्वितीय पुरस्कार 31,000 रुपये, तृतीय 21,000 रुपये होंगे.
सांत्वना पुरस्कार 5100 दिये जायेंगे़. मौके पर संतोष तिर्की, अजय कच्छप, राहुल उरांव, रामशरण तिर्की, सुभानी तिग्गा, रवि खलखो, विजय बडा़इक, सूरज मुंडा आदि ने भी विचार रखे़ इस अवसर पर प्रकाश हंस, नवनीत उरांव, मार्शल बारला, छोटू आदिवासी, सुष्मिता कच्छप, विमला टोप्पो, शांता कच्छप, सुधा मुंडा, कुलदीप तिर्की, मोहन तिर्की, बुलका तिर्की, लालू राम उरांव, मुन्ना उरांव, सचिन कच्छप, रोहित बाड़ा, सुमन लोहरा, भोला मुंडा, धंजू नायक, किशोर नायक, दिनेश कच्छप, रूपचंद खेवट आदि मौजूद थे़
इधर नगरा टोली रांची सरना भवन में भी सरहुल को लेकर चर्चा हुई, जिसमें इस बार सरहुल धूमधाम से मनाने का फैसला लिया गया. जिसमें ये योजना बनी है कि राजकीय उत्सव घोषित करने के लिए सरकार से मांग की जाएगी. साथ ही साथ रांची सहित झारखंड राज्य के सभी सरना स्थलों की प्रकाश व्यवस्था, साफ सफाई,उसके आसपास की सड़कों की सफाई त्योहार के 1 हफ्ते पहले ही सुनिश्चित करने की मांग की गयी है. इसके अलावा तमाम सरना स्थल की सूची जारी करते हुए वहां पर सरकारी सुविधाओं को सुनिश्चित कराने के लिए पदाधिकारियों की नियुक्ति हो.
Posted By: Sameer Oraon