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झारखंड पुलिस में दारोगा, सार्जेंट मेजर और समकक्ष के 946 पदों पर होगी बहाली,जेएसएससी को भेजी गयी अधियाचना

झारखंड के पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा के समय यह प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को भेजा था. फिर गृह विभाग ने इस प्रस्ताव को जेएसएससी को भेज दिया था, लेकिन नियोजन नीति में बदलाव होने के कारण जेएसएससी ने पुलिस मुख्यालय से नये नियम के तहत संशोधित प्रस्ताव भेजने को कहा था.

रांची: झारखंड पुलिस में दारोगा, सार्जेंट मेजर और समकक्ष कंपनी कमांडर के रिक्त 946 पदों पर नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है. पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव को गृह विभाग ने जेएसएससी (झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन) को भेज दिया है. अब जेएसएससी के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर अभ्यर्थियों से आवेदन मांगा जायेगा.

कांस्टेबल के पद पर भी होगी नियुक्ति

झारखंड के पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा के समय यह प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को भेजा था. फिर गृह विभाग ने इस प्रस्ताव को जेएसएससी को भेज दिया था, लेकिन नियोजन नीति में बदलाव होने के कारण जेएसएससी ने पुलिस मुख्यालय से नये नियम के तहत संशोधित प्रस्ताव भेजने को कहा था. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने नयी नियोजन नीति के तहत संशोधित प्रस्ताव तैयार कर गृह विभाग को भेजा था, जिसे गृह विभाग ने जेएसएससी को भेज दिया है. अब जेएसएससी द्वारा विज्ञापन प्रकाशित किये जाने के पूर्व की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. इसके अलावा पुलिस मुख्यालय ने कांस्टेबल के पद पर नियुक्ति के लिए प्रस्ताव तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है.

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2012 में 380 और 2018 में 2580 पदों पर हुई थी सीधी बहाली

झारखंड अलग राज्य बनने के बाद यहां पर दारोगा व समकक्ष पदों पर पहली बार 2012 में 380 पदों पर व 2018 में 2580 पदों पर डायरेक्ट बहाली हुई थी. इसके अलावा विभागीय सीमित परीक्षा के जरिये आरक्षी से दारोगा में प्रोन्नति के लिए 1544 पदों पर बहाली निकाली गयी थी. लेकिन, इसमें 396 पदों पर ही आरक्षियों का चयन हो सका. कैबिनेट ने विभागीय सीमित कम से कम दो बार आयोजित करने की मंजूरी दी थी, लेकिन दोबारा यह परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकी. 2012 में हुई दारोगा बहाली की प्रक्रिया में गड़बड़ी की बात सामने आयी थी. बाद में मामला हाइकोर्ट गया था. फिर कोर्ट के आदेश पर घोषित परिणाम में बदलाव कर बहाली प्रक्रिया को पूरा किया गया था.

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