रांची/नयी दिल्ली (राणा प्रताप/विनय तिवारी) : देश की सर्वोच्च अदालत ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार और करीब 18 हजार शिक्षकों को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (14 अक्टूबर, 2020) को झारखंड हाइकोर्ट के 21 सितंबर, 2020 के उस फैसले पर स्टे लगा दिया, जिसमें झारखंड सरकार की नियोजन नीति को निरस्त करते हुए शिक्षक बहाली की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. इस फैसले के बाद काफी संख्या में शिक्षक रांची के मोरहाबादी मैदान पहुंचे और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया.
जस्टिस अशोक भूषण जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने स्पेशल लीव पिटीशन की सुनवाई करते हुए झारखंड हाइकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि वह इस मामले की सुनवाई 4 नवंबर, 2020 को करेगा. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है और उनसे 4 नवंबर के पहले अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. दरअसल, झारखंड सरकार द्वारा बनायी और लागू की गयी नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर दिया था.
हाइकोर्ट के आदेश से प्रदेश के 13 अनुसूचित जिलों में नियुक्त किये गये 3,684 हाइस्कूल शिक्षकों की नियुक्ति प्रभावित हो रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जब तक इस केस की अंतिम सुनवाई नहीं हो जाती, तब तक शिड्यूल एरिया के 13 जिलों में काम कर रहे सभी शिक्षक पूर्ववत काम करते रहेंगे. हाइकोर्ट के फैसले का अभी उनकी सेवा पर कोई असर नहीं पड़ेगा. माननीय न्यायाधीशों ने कहा कि मामले में जल्द सुनवाई की जरूरत है. इसलिए वह सभी पक्षों को 15 दिन का वक्त देते हैं, ताकि वे अपना जवाब दाखिल कर सकें.
वर्ष 2016 में नियोजन नीति बनने के बाद उसके आधार पर हाइ स्कूलों में चार वर्ष से 17,572 शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. वर्ष 2016 में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेपीएससी) ने नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था. इस विज्ञापन में 24 जिलों को दो श्रेणी (13 जिले अनुसूचित जिला व 11 जिले गैर अनुसूचित) में बांटा गया था. अनुसूचित जिलों के पद उसी जिले के स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित कर दिये गये थे.
वहीं, गैर अनुसूचित जिले में बाहरी अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने की छूट दी गयी थी. अनुसूचित जिलों में कुल 8,423 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन लिये गये थे. इनमें से लगभग 3,684 शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी थी. ये शिक्षक वर्तमान में अलग-अलग स्कूलों में पढ़ा रहे हैं. वहीं, गैर अनुसूचित जिलों में ,9149 पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन लिये गये थे. वर्ष 2017 के अंत में इनकी परीक्षा हुई थी. रिजल्ट वर्ष 2019 में जारी किया गया. इसी साल शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिल गया.
रिजल्ट प्रकाशन के बाद 8,371 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा आयोग ने की. इस अनुशंसा के आधार पर वर्तमान में 8,082 शिक्षक विभिन्न जिलों में पढ़ा रहे हैं. कुछ जिलों को छोड़कर अधिकतर जिलों में सभी विषयों में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी थी. इतिहास व संस्कृत विषय में अधिकतर जिलों में शिक्षकों के पद रिक्त रह गये थे. इन विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति अब भी नहीं हो पायी है.
Posted By : Mithilesh Jha