Ranchi news: सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के मामले में झारखंड हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. कहा कि पीड़ित को मुआवजा के आधार पर जमानत देना गलत है. यह सीआरपीसी की धारा-438 व 439 के विरुद्ध है. शीर्ष अदालत ने पीड़ित को मुआवजा के आधार पर जमानत देने संबंधी हाइकोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया. प्रार्थी गितेश कुमार ने झारखंड हाइकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. महाधिवक्ता राजीव रंजन ने शीर्ष अदालत के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि एक मामले में हाइकोर्ट ने 12 लाख रुपये मुआवजा जमा करने के आधार पर पीड़ित को जमानत की सुविधा प्रदान की थी. इसे शीर्ष अदालत में चुनौती दी गयी थी.
नीरज सिंह हत्याकांड के आरोपी सागर सिंह के खिलाफ चल रहे ट्रायल पर रोक
झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने धनबाद के डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड के मामले में आरोपी शिबू उर्फ सागर सिंह की ओर से दायर क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई की. प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने आरोपी शूटर सागर सिंह के खिलाफ चल रहे ट्रायल पर रोक लगा दी. अदालत ने स्पष्ट किया कि सिर्फ सागर सिंह के मामले में रोक रहेगी. उसके मामले को अलग कर निचली अदालत में सुनवाई जारी रहेगी. अदालत ने सरकार को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई सितंबर माह में होगी.
फैसले से बढ़ा हुआ फीस प्रभावित होगा: कोर्ट
झारखंड हाइकोर्ट ने कोर्ट फीस बढ़ोतरी मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुना. इसके बाद कोर्ट फी अमेंडमेंट एक्ट पर रोक नहीं लगाया. हालांकि खंडपीठ ने कहा कि याचिका के अंतिम फैसले से बढ़ा हुआ कोर्ट फीस प्रभावित होगा. राज्य सरकार की ओर से कोर्ट फीस से संबंधित संचिका को मूल रूप (दस्तावेज) में पेश किया गया. सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए सात सितंबर की तिथि निर्धारित की. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कृष्ण ने अमेंडमेंट एक्ट निरस्त करने का आग्रह किया.
लंबित याचिका वेतन भुगतान में बाधक नहीं
झारखंड हाइकोर्ट ने कृषि अधिकारी फनींद्रनाथ त्रिपाठी के मामले में कहा है कि याचिका लंबित रहने पर किसी का वेतन नहीं रोका जा सकता है. याचिका लंबित होना वेतन भुगतान में बाधक नहीं हो सकता है. कृषि विभाग के वरीय अधिकारी ने कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग पर गलत पदस्थापन का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की है. उन्होंने भूमि संरक्षण निदेशक के पद पर सुभाष सिंह की नियुक्ति को चुनौती दी है. इस पद पर पूर्व में जेपीएससी ने श्री त्रिपाठी को निदेशक के रूप में नियुक्त किया था. वह पांच साल इस पद पर रहे. वरीय अधिकारी होने के बावजूद उन्हें अपर कृषि निदेशक के पद पर पदस्थापित किया गया.
जानलेवा हमला के मामले में दो आरोपी बरी
रांची में जानलेवा हमले से जुड़े सात साल पुराने मामले में मंगलवार को अपर न्यायायुक्त दिनेश राय की अदालत में सुनवाई हुई़. अदालत ने साक्ष्य के अभाव में डोरंडा निवासी भोला व तबारक को बरी कर दिया़ गवाहों को अदालत तक लाने के लिए समन के साथ गिरफ्तारी का वारंट भी निर्गत किया गया. इसके बावजूद नौ गवाह में से सिर्फ दो गवाह ही पहुंचे. मामले के सूचक वासामा के साथ दोनों गवाह अपने पूर्व के बयान से मुकर गये. जिसके बाद आरोपियों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया. जानलेवा हमले को लेकर वासामा ने 11 नवंबर 2015 को डोरंडा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. कहा गया था कि पंक्चर बनाने को लेकर हुए विवाद में भोला व तबारक ने बेलाल को पिस्टल से मारकर जख्मी कर दिया था.