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झारखंड: शूटर तारा शाहदेव धर्म परिवर्तन मामले में रंजीत सिंह कोहली समेत तीन आरोपी सीबीआई की अदालत से दोषी करार

रांची: सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने बहुचर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव प्रकरण से जुड़े आठ वर्ष पुराने यौन उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना, जबरन धर्म परिवर्तन मामले में आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया.

रांची: सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने बहुचर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव प्रकरण से जुड़े आठ वर्ष पुराने यौन उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना, जबरन धर्म परिवर्तन मामले में आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन, उसकी मां कौशल रानी व झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (निगरानी) मुश्ताक अहमद को दोषी करार दिया. सजा के बिंदु पर 5 अक्टूबर को सुनवाई होगी. सीबीआई की ओर से 25 फरवरी को गवाही पूरी कर ली गयी थी. इसके बाद अदालत में आरोपियों का बयान दर्ज किया गया था. बयान दर्ज होने के बाद बचाव पक्ष की ओर से गवाही दर्ज करायी गयी थी. गवाही बंद होने के बाद मामले में बहस पूरी की गयी थी. आरोपियों के खिलाफ तीन जुलाई 2018 को अदालत ने आरोप गठित किया था. सीबीआई की ओर से 26 गवाहों का बयान कलमबद्ध कराया गया. सीबीआई की ओर से हुई बहस के दौरान तारा शाहदेव द्वारा आरोपियों पर लगाए गए आरोपों का समर्थन किया गया था. रंजीत सिंह कोहली व तारा शाहदेव का विवाह सात जुलाई 2014 को हुआ था. आरोप था कि विवाह के बाद से ही तारा शाहदेव के साथ पति रकीबुल हसन द्वारा उत्पीड़न व मारपीट की जाने लगी थी. धर्म छुपा कर विवाह करने, यौन उत्पीड़न, धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने का मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी. झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2015 में सीबीआई ने मामले को टेकओवर करते हुए जांच शुरू की थी. जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ वर्ष 2018 में चार्जशीट दायर की गयी थी.

सजा के बिंदु पर 5 अक्टूबर को सुनवाई

सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को बहुचर्चित शूटर तारा शाहदेव केस में आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन, उसकी मां कौशल रानी व झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (निगरानी) मुश्ताक अहमद को दोषी करार दिया. अब सजा के बिंदु पर सीबीआई की विशेष अदालत में 5 अक्टूबर को सुनवाई होगी.

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आठ वर्ष पुराने मामले में आया फैसला

निशानेबाज तारा शाहदेव प्रकरण आठ वर्ष पुराना है. तारा शाहदेव ने शादी के बाद यौन उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना और जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया था. इस मामले में आरोपी रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन, उसकी मां कौशल रानी व झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (निगरानी) मुश्ताक अहमद के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था.

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तीन जुलाई 2018 को हुआ था चार्ज फ्रेम

सीबीआई की ओर से 25 फरवरी को गवाही पूरी कर ली गयी थी. इसके बाद अदालत में आरोपियों का बयान दर्ज किया गया था. बयान दर्ज होने के बाद बचाव पक्ष की ओर से गवाही दर्ज करायी गयी थी. गवाही बंद होने के बाद मामले में बहस पूरी की गयी थी. आरोपियों के खिलाफ तीन जुलाई 2018 को अदालत ने आरोप गठित किया था. सीबीआई की ओर से 26 गवाहों का बयान कलमबद्ध कराया गया था. सीबीआई की ओर से हुई बहस के दौरान तारा शाहदेव द्वारा आरोपियों पर लगाए गए आरोपों का समर्थन किया गया था.

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2018 में हुई चार्जशीट दाखिल

रंजीत सिंह कोहली व तारा शाहदेव का विवाह सात जुलाई 2014 को हुआ था. आरोप था कि विवाह के बाद से ही तारा शाहदेव के साथ पति रकीबुल हसन द्वारा उत्पीड़न व मारपीट की जाने लगी थी. धर्म छुपा कर विवाह करने, यौन उत्पीड़न, धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने का मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी. झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2015 में सीबीआई ने मामले को टेकओवर करते हुए जांच शुरू की थी. जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ वर्ष 2018 में चार्जशीट दायर की गयी थी.

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