रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को दुमका और देवघर डीसी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर कहा कि इस बार श्रावणी मेला का आयोजन नहीं हो सकता है. लेकिन, इस दौरान मंदिर का रंग-रोगन कर इसे भव्य बनाया जायेगा. पूरे परिसर को हाइजीनिक बनाया जायेगा. जहां जरूरत होगी, वहां मरम्मत करायी जायेगी. इसके लिए उन्होंने कार्ययोजना तैयार करने का भी निर्देश दिया. साथ ही कहा कि श्रावण माह में किसी भी हालत में दूसरे राज्य की बस को दुमका या देवघर की सीमा में प्रवेश नहीं करने दें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी संक्रमण का दौर है और मंदिर में श्रद्धालु नहीं आ रहे हैं. प्रोटोकॉल के तहत सिर्फ पुजारी ही भगवान भोलेनाथ की आराधना कर रहे हैं. श्रद्धालु नहीं आ रहे हैं, ऐसे में जिला प्रशासन दुमका और बासुकिनाथ मंदिर परिसर के भीतरी और बाहरी परिसर का निरीक्षण करे. जहां भी किसी तरह की मरम्मत, निर्माण, बदलाव और श्रद्धालुओं की सुविधाओं को देखते हुए कार्य करने की आवश्यकता हो, तो यथाशीघ्र करें. बाबा मंदिर और बासुकिनाथ मंदिर का रंग-रोगन कर मंदिर को और भव्य बनायें. पूरे मंदिर परिसर को हाइजीनिक बनायें. मैं स्वंय मंदिर परिसर को देखने का प्रयास करूंगा. इस बीच दोनों जिला के उपायुक्त मंदिर समिति के लोगों के साथ मंदिर का निरीक्षण कर योजना तैयार करें.
कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़नी है : सीएम ने कहा कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ हमें और लड़ाई लड़नी है. श्रावणी मेला नजदीक है. श्रावण मास में पूरे देश से श्रद्धालु बाबाधाम और बासुकिनाथ आते हैं. राज्य सरकार राज्यवासियों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर है. सरकार संक्रमण काल में लोगों के स्वास्थ्य को लेकर किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती, जिससे झारखंड महामारी के खराब दौर में चला जाये. संक्रमण को हल्के में नहीं लेना है. इसके प्रति गंभीरता जरूरी है. पूरी सतर्कता से कार्य करना है. इस वजह से राज्य सरकार ने श्रावणी मेला का आयोजन इस वर्ष नहीं करने का निर्णय लिया है. हमें सामाजिक व्यवस्था और परंपरा को स्थगित रखते हुए कार्य करना है.
निर्णय का स्वागत किया : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से धर्मरक्षिणी सभा बासुकिनाथ के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के दौर में श्रावणी मेला स्थगित किये जाने के निर्णय का स्वागत किया. कहा कि दैनिक पूजन कार्य के अतिरिक्त किसी भी तरह की गतिविधियां बासुकिनाथ धाम में नहीं होगी. प्रतिनिधिमंडल ने सीएम को ज्ञापन भी सौंपा. इसमें पंडा समाज के लिए आर्थिक पैकेज, मंदिर का सुंदरीकरण, शिव गंगा की सफाई समेत अन्य मांगें शामिल है. मुख्यमंत्री ने धर्मरक्षिणी सभा द्वारा किये जा रहे सहयोग के लिए धन्यवाद दिया.
मुख्यमंत्री ने जो प्रमुख निर्देश दिये
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शिव-गंगा में किसी को स्नान न करने दें, बैरिकेडिंग करें
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सूचना तंत्र को सशक्त करें, ताकि श्रद्धालु एक जगह जमा न हो सकें
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किसी भी राज्य से बस देवघर और दुमका की सीमा तक नहीं आने पाये
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झारखंड की सीमा पर सूचना पट्ट लगाएं, जिससे पता चल सके कि श्रावणी मेला का आयोजन संक्रमण की वजह से स्थगित है
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मंदिर परिसर में किसी तरह की भीड़ न हो, इसके लिए पंडा समाज के लोगों व जनप्रतिनिधियों का सहयोग लें
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पूरी सतर्कता और तय समय में प्रोटोकॉल के तहत पूजन का कार्य सुनिश्चित हो, अन्य गतिविधियों पर पूर्ण पाबंदी रखें
Posted by : Pritish Sahay