रांची : अपनी मांगों को लेकर गुरुवार को विधानसभा मार्च कर रहे राज्यस्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के सदस्यों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. साथ ही वाटर कैनन और आंसू गैस के गोलों का भी इस्तेमाल किया. घटना दोपहर 3:00 बजे जगन्नाथपुर मंदिर से समीप हुई. इसमें संघ के 30 से ज्यादा सदस्य घायल हुए हैं. इनमें से एक बच्चे समेत आधा दर्जन लोगों को गंभीर चोटें आयी हैं. इन लोगों को एचइसी स्थित पारस व अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. इधर, संघ ने कहा है कि सरकार की इस दमनकारी कार्रवाई के विरोध में संघ सदस्य 29 दिसंबर को सरकार के चार वर्ष पूरे होने पर शक्ति प्रदर्शन, नंग-धड़ंग प्रदर्शन और सामूहिक आत्मदाह करेंगे. संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने बताया कि संघ के सदस्य 170 दिनों से राजभवन के समक्ष अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं. इसके अलावा चार दिनों से विधानसभा के समक्ष उनके शांतिपूर्ण धरना का कार्यक्रम चल रहा है.
बुधवार को संघ का प्रतिनिधिमंडल मंत्री आलमगीर आलम से मिलने गया था, जहां उन्होंने अपनी मांगें रखीं थी. इस पर मंत्री ने आश्वासन दिया था कि बहुत जल्द पंचायत सचिवालय स्वयंसेवकों के हित में घोषणाएं की जायेंगी. साथ ही सरकार का एक प्रतिनिधि गुरुवार दोपहर 1.00 बजे धरनास्थल पर आकर घोषणा करेगा. हालांकि, दोपहर 3.00 बजे तक सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला. तब संघ के सदस्यों ने विधानसभा तक शांतिपूर्वक मार्च करने का निर्णय लिया.
Also Read: झारखंड विधानसभा के स्पीकर बोले: राज्यहित में पक्ष-विपक्ष आपस में एकजुट होकर सहभागिता निभायें
राज्यस्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के सदस्यों पर लाठीचार्ज की घटना के बाद नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी एचइसी पारस अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना. पत्रकारों से बातचीत में श्री बाउरी ने कहा : जिनके बल पर सरकार सत्ता में आयी है, उन्हीं पर लाठीचार्ज कर रही है. भाजपा सबको साथ लेकर चलनेवाली पार्टी है. स्वयंसेवकों का भविष्य भाजपा ही संवारेगी.
विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन के मामले में पुलिस के बयान पर जगन्नाथपुर थाने में एक दर्जन नामजद समेत 400 लोगों पर केस दर्ज किया गया है. दर्ज प्राथमिकी में सरकारी कामकाज में बाधा डालने, पुलिसकर्मियों के साथ उलझने सहित अन्य धाराएं लगायी गयी हैं. इधर, इस मामले में राज्यस्तरीय पंचायत सचिवालय स्वयंसेवक संघ के अध्यक्ष चंद्रदीप कुमार ने बताया कि सभी लोग शांति से विधानसभा की ओर बढ़ रहे थे. जगन्नाथपुर मंदिर से पहले लगायी गयी बैरिकेडिंग के समीप उन्हें रोक दिया गया. इसके बाद संघ के सदस्यों और सुरक्षाबल के जवानों में वाद-विवाद शुरू हो गया. इसी दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. पुलिस ने लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. वहीं, वाटर कैनन से पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले भी छोड़े. इससे 30 से अधिक लोग घायल हो गये. इनमें प्रदीप पासवान, विभा रानी, समीन अख्तर, युगल किशोर, राजेंद्र नायक और एक महिला सदस्य के साथ आया बच्चा राहुल गंभीर रूप से घायल हुए हैं.