झारखंड चैंबर ने सरकार को स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और राजस्व बढ़ाने के उपायों के बारे में सुझाव दिए हैं. झारखंड में बजट से पहले आयोजित कार्यशाला में चैंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के द्वारा बजट के लिए सुझाव आमंत्रित किये जाने की प्रक्रिया का स्वागत किया. चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि उद्योग लगाने के लिए पर्याप्त भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी. कहा कि खासमहल भूमि, जिस पर 50-60 वर्षों से लोग रह रहे हैं अथवा उसका उपयोग कर रहे हैं, वैसी भूमि को मालिकाना हक देकर फ्रीहोल्ड कर देना चाहिए. इतना ही नहीं, गैर मजरुआ प्रकृति की भूमि को भी फ्रीहोल्ड करने पर सरकार को अवश्य विचार करना चाहिए. राजस्व बढ़ाने के उपायों के तहत चैंबर अध्यक्ष ने वित्त मंत्री से कहा कि बंद पड़ी लौह अयस्क की खदानों को जल्द खोलने, व्यावसायिक वाहनों पर वर्षों से बकाया टैक्स की वसूली के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम और नगर निगम से जुड़े सभी प्रकार के बकाया टैक्स की वसूली के लिए भी वन टाइम सेटलमेंट स्कीम सरकार को लाना चाहिए. चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि इन उपायों से सरकार को कई हजार करोड़ रुपए की तत्काल आमदनी होगी.
चैंबर अध्यक्ष ने प्रत्येक जिले में ट्राइबल बिजनेस डेवलपमेंट का गठन करते हुए आदिवासी वर्ग के विकास एवं उनके आय में वृद्धि हेतु बजटीय उपबंध किये जाने का सुझाव दिया. साथ ही कहा कि झारखंड के बजट में सस्टनेबल इंडस्ट्रियल ग्रोथ के लिए लांग टर्म पॉलिसी बने, वेंडर मार्केट की तर्ज पर राज्य के हर जिले में महिला वेंडर मार्केट बने, व्यापार एवं उद्योग आयोग का गठन हो, पासपोर्ट कार्यालय की तर्ज पर राज्य में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए प्रोफेशनल्स को अधिकृत किया जाए. इतना ही नहीं, झारखंड के सभी प्रमुख शहरों में सीएनजी व इलेक्ट्रिक बसों को चलाने की पहल सरकार को करनी चाहिए.
Also Read: गांव, कृषि, किसान और नौजवान पर फोकस रहेगा झारखंड का बजट, सीएम हेमंत सोरेन ने बैठक में दिए निर्देश
श्री मंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के लिए राज्य में मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना हो. असंगठित क्षेत्र के भारी मोटर वाहन चालकों और उप चालकों (कंडक्टर) को प्रारंभिक प्रशिक्षण देना सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि व्यावसायिक वाहनों के लिए तीन माह में टैक्स देने की व्यवस्था है. किसी कारणवश टैक्स का भुगतान नहीं कर पाने पर 50 से 200 फीसदी तक का फाइन लिया जाता है, जो अव्यावहारिक है. लेट फाइन की जगह फाइन को दो फीसदी ब्याज में परिवर्तित कर देना चाहिए.
Also Read: सीएम हेमंत सोरेन का विपक्ष पर प्रहार- सरप्लस बजट के साथ जन्मे झारखंड को भाजपा शासन ने बीमारू बनाया
चैंबर के अध्यक्ष ने झारखंड के वित्त मंत्री को यह भी सुझाव दिया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में शिक्षा व स्वास्थ्य के बजट में वृद्धि जरूर की जाए, ताकि पंचायत स्तर तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को उपलब्ध हो सकें. मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने झारखंड चैंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री के सुझावों पर विचार करने का आश्वासन दिया. कार्यशाला में विभिन्न विभागों के सचिव के अलावा चैंबर के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष नितिन प्रकाश, चाईबासा चैंबर के अध्यक्ष मधुसूदन अग्रवाल, सदस्य प्रमोद चौधरी एवं अन्य सदस्य उपस्थित थे.
Also Read: झारखंड: महंगाई की मार से परेशान हुए लोग, थाली से गायब हो रही अरहर दाल, जीरा गोलकी ने भी बिगाड़ा बजट
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.