रांची: बोकारो से बीजेपी विधायक सह मुख्य सचेतक (विरोधी दल) बिरंची नारायण ने झारखंड राज्य सूचना आयोग के बहाने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती ही नहीं है कि सूचना आयोग क्रियाशील हो. हर बार वह बहाना बनाती रहती है. नेता प्रतिपक्ष की उपस्थिति के बाद भी अब नया बहाना बना रही है कि नए सिरे से वैकेंसी निकाली जाएगी. इसके बाद सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर जनवरी में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं होगी, तो फरवरी में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो जाने पर आचार संहिता लागू हो जाएगी.
सरकार के चार साल पूरा होने पर भी लचर रवैया
विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि पिछले 4 वर्षों से सूचना आयुक्त की नियुक्ति और झारखंड राज्य सूचना आयोग को क्रियाशील करने पर गठबंधन सरकार का ढुलमुल रवैया रहा है. हेमंत सोरेन सरकार चाहती ही नहीं है कि झारखंड राज्य सूचना आयोग क्रियाशील हो. सरकार पहले नेता प्रतिपक्ष नहीं होने का बहाना करती थी और अब जब बीजेपी ने अपना नेता प्रतिपक्ष दे दिया है तो फिर इस बार मीटिंग करके सरकार कहती है कि फिर से वैकेंसी निकाली जाएगी. इसके बाद सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की जाएगी, परंतु अभी तक कोई नयी वैकेंसी नहीं निकली और सरकार का 4 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका.
Also Read: झारखंड के एक गांव का नाम सुनते ही हंस पड़ेंगे आप, ग्रामीणों को भी बताने में आती है काफी शर्म
जनवरी में पूरी हो नियुक्ति प्रक्रिया
विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि अब अगर जनवरी माह के अंदर सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी नहीं होगी, तो फरवरी में लोकसभा चुनाव की घोषणा हो जाने पर आचार संहिता लागू हो जाएगी और झारखंड राज्य सूचना आयोग इसी प्रकार फिर अक्रियाशील रहेगा. ऐसी स्थिति में स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि वर्तमान गठबंधन सरकार राज्य में पारदर्शिता और जवाबदेही की पक्षधर नहीं है. यह सरकार चाहती ही नहीं है कि आम जनता को त्वरित न्याय मिले. इसे केवल अपने और अपने परिवार की चिंता है.