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कोल इंडिया में काम करनेवालों से ज्यादा रिटायर कर्मचारी, पेंशन में खर्च हो जाते हैं 4500 करोड़ रुपये से अधिक

कोल इंडिया में काम करनेवालों से ज्यादा रिटायर कर्मचारी हैं. स्थायी कर्मियों की संख्या एक अक्तूबर 2023 को 233048 है. वहीं, रिटायर कर्मियों की संख्या 31 मार्च 2023 को 368546 थी. इनको पेंशन देने के मद में हर साल करीब 4500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो रहा है.

रांची, मनोज सिंह : कोल इंडिया में रिटायर कर्मियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. कोल माइंस प्रोविडेंट फंड (सीएमपीएफ) की रिपोर्ट के अनुसार, पेंशन कर्मियों की संख्या काम करनेवालों से डेढ़ लाख अधिक हो गयी है. कोल इंडिया में काम करनेवाले स्थायी कर्मियों की संख्या एक अक्तूबर 2023 को 233048 है. वहीं, रिटायर कर्मियों की संख्या 31 मार्च 2023 को 368546 थी. इनको पेंशन देने के मद में हर साल करीब 4500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो रहा है. पेंशन मद में खर्च हो रही ज्यादा राशि को लेकर सीएमपीएफ के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने कई बार चिंता जतायी है. ट्रस्टी पेंशन मद में जमा राशि को बढ़ाने को लेकर कोल इंडिया और कोयला मंत्रालय पर दबाव भी बना रहा है. हाल में कोल इंडिया ने 10 रुपये प्रति टन की दर से पेंशन फंड में राशि देना शुरू किया है. इसके बाद फंड में करीब 4367 करोड़ रुपये बीते वित्तीय वर्ष में मिला है.

  • पेंशन मद में खर्च होता है 4500 करोड़ रुपये से अधिक, आते हैं करीब 4300 करोड़

  • पेंशन मद में ज्यादा खर्च पर कई बार सीएमपीएफ के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने जतायी है चिंता

14 फीसदी जाता है पेंशन मद में

कोल इंडिया में कार्यरत कोयला कर्मियों के वेतन से 14 फीसदी पेंशन मद में जाता है. इसमें सात फीसदी कर्मी तथा सात फीसदी कोयला कंपनियों का हिस्सा होता है. यह राशि पेंशन फंड के संचालन के लिए काफी नहीं है. इस कारण कोयला बिक्री से सेस के रूप में भी राशि दी जाती है. केंद्र सरकार ने भी सीएमपीएफ के पेंशन मद में सहयोग कम कर दिया है. वित्त वर्ष 2020-21 में पेंशन निधि में 4503.46 करोड़ रुपये था. इस पर 16.69 करोड़ रुपये केंद्र सरकार का अंशदान था. वहीं 2021-22 में 4174.86 करोड़ रुपये पेंशन निधि तथा 12.96 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने दिया था. वहीं, वित्त वर्ष 2022-23 में मात्र 57 लाख रुपये ही इस मद में केंद्र सरकार ने दिया था.

एक नजर में कोल इंडिया में पेंशनर्स और पेंशन मद की स्थिति

  • कुल कोयलाकर्मी : 233048

  • कुल पेंशनधारी : 368546

  • एक अप्रैल 2022 को जमा राशि : 19806 करोड़

  • 2022-23 के दौरान पेंशन मद में कर्मियों का योगदान : 4367

  • 2022-23 में केंद्र से प्राप्त अंशदान : 0.57 करोड़

  • 2022-23 में ब्याज से प्राप्त राशि : 1548.31 करोड़ रुपये

  • 2022-23 के दौरान भुगतान किये गये लाभ : 4689.75

क्या कहते हैं बीओटी सदस्य

काम करनेवाले और पेंशनरों का गैप लंबा होता जा रहा है. करीब 35 से 40 करोड़ रुपये जमा फंड से खर्च हो रहा है. यह अच्छे संकेत नहीं हैं. इसको दूर करने के लिए फंड बढ़ाना जरूरी है. पेंशन फंड में 20 रुपये प्रति टन देने की बात हुई है. इस पर आगे तय होगा. – डीडी रामानंदन, सदस्य, सीएमपीएफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी

क्या कहते हैं यूनियन सदस्य

पेंशनधारी और कर्मी के गैप में बहुत अंतर होता जा रहा है. यह चिंता की बात है. हमलोगों के यूनियन ने भी इस पर चिंता जतायी है. मार्च में यूनियन की बैठक होनेवाली है. इसमें इस मुद्दे पर चर्चा होगी. कर्मियों का पैसे सही जगह पर निवेश हो, यह भी बड़ा मुद्दा है. – राजीव रंजन सिंह, सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ

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