रांची, राणा प्रताप: झारखंड में संचालित वित्तरहित शिक्षण संस्थानों में कार्यरत 10000 से अधिक शिक्षक व शिक्षकेतरकर्मियों ने विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को उपवास रखा. 18 दिसंबर को स्कूल-इंटर कॉलेज बंद रहेंगे. इंटरमीडिएट कॉलेज, हाईस्कूल, संस्कृत विद्यालय व मदरसा के शिक्षक व कर्मचारी अनुदान की राशि चार गुना करने व राज्यकर्मी का दर्जा देने के साथ-साथ इन संस्थानों का अधिग्रहण की मांग कर रहे हैं. झारखंड वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर शिक्षाकर्मियों ने उपवास रखा. उन्होंने कहा कि पांच विधायकों ने शिक्षा सचिव के रवि कुमार को पत्र लिख कर कहा है कि जब विभाग ने अनुदान चौगुना कर प्रस्ताव तत्कालीन विभागीय मंत्री को भेजा था और मंत्री ने पांच माह पूर्व प्रस्ताव पर अनुमोदन कर संचिका लौटा दिया था, तो आज तक संलेख विधि, वित्त व कैबिनेट को क्यों नहीं भेजा गया है?
झारखंड वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा
अनुदान नियमावली 2004 एवं संशोधित नियमावली 2015 के प्रस्ताव में संशोधन कर अनुदान की राशि चौगुना करने का मंत्री ने अनुमोदन किया था. इसके बाद डिग्री कॉलेजों के चौगुना अनुदान की अधिसूचना जारी हो गयी, लेकिन स्कूल व इंटर कॉलेजों के मामले में अधिसूचना अब तक जारी नहीं की गयी है. अधिनियम व नियमावली में दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है?
19 दिसंबर को विधानसभा के समक्ष धरना
आपको बता दें कि गुरुवार को मोर्चा की बैठक कुंदन कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई, जिसमें 18 दिसंबर के शैक्षणिक हड़ताल व 19 दिसंबर को विधानसभा के समक्ष महाधरना को सफल बनाने की रणनीति तैयार की गयी. इस अवसर पर सुरेंद्र झा ,रघुनाथ सिंह, संजय कुमार, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादिर अहमद, नरोत्तम सिंह, मनीष कुमार, अरविंद सिंह, गणेश महतो, एनके सिंह, देवनाथ सिंह, अनिल तिवारी, बलदेव पांडेय, रणजीत मिश्रा, मनोज कुमार, रघु विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे.
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