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फौरन बंद कर दें प्लास्टिक और थर्मोकॉल के कप-प्लेट का इस्तेमाल, बन रहा है नियम, हो सकती है कड़ी कार्रवाई

अब प्लास्टिक और थर्मोकॉल के कप-प्लेट, चम्मच, स्ट्रॉ आदि का उपयोग, निर्माण और कारोबार प्रतिबंधित होगा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने इससे संबंधित नोटिस जारी कर दिया है.

मनोज सिंह, रांची: अब प्लास्टिक और थर्मोकॉल के कप-प्लेट, चम्मच, स्ट्रॉ आदि का उपयोग, निर्माण और कारोबार प्रतिबंधित होगा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने इससे संबंधित नोटिस जारी कर दिया है. इसमें कहा गया है कि यह नोटिस एक जुलाई 2022 से प्रभावी होगा. इसमें प्लास्टिक के इयर बर्ड्स स्टिक, बैलून में लगा प्लास्टिक स्टिक, झंडा में उपयोग होनेवाला प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक का कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक तथा सजावट के काम में आनेवाला थर्मोकॉल भी प्रतिबंधित श्रेणी में रहेगा.

मिठाइयों के लिए प्लास्टिक का कवर, निमंत्रण कार्ड के साथ प्लास्टिक, सिगरेट पैकेट के ऊपर प्लास्टिक, 100 माइक्रोन से नीचे का प्लास्टिक और पीवीसी का बैनर भी प्रतिबंधित श्रेणी में होगा. सीपीसीबी ने जारी नोटिस में कहा है कि इसकी जानकारी सभी उत्पादक, स्टॉकिस्ट, खुदरा विक्रेता, दुकानदार, इ-कॉमर्स कंपनी, स्ट्रीट वेंडर, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी देना है.

इसकी जानकारी मॉल, मार्केट कांप्लेस, शॉपिंग सेंटर, सिनेमा हॉल, टूरिस्ट स्थान, स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, अस्पतालों को भी देना होगा. अगर किसी के पास यह उत्पाद है, तो उसे 30 जून तक हटा देना है. इसके बाद पाये जाने पर इनवायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट-1986 में तय धारा के तहत कार्रवाई होगी. सभी प्रतिबंधित उत्पाद सीज कर लिये जायेंगे. पर्यावरण को होनेवाले नुकसान के लिए मुआवजा भी लिया जायेगा.

  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निकाला नोटिस

  • आदेश के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

  • ऐसे उत्पादों को हटाने के लिए 30 जून तक की मोहलत

  • झारखंड में 100 माइक्रोन से नीचे का सिंगल यूज प्लास्टिक पहले से बैन है

सीपीसीबी के नोटिस का अध्ययन किया जायेगा. उसके बाद ही आगे की कार्रवाई होगी. अभी राज्य में थर्मोकोल और प्लास्टिक निर्मित उत्पादों से होनेवाले प्रदूषण को रोकने के लिए काम हो रहा है. इस दिशा में राज्य प्रदूषण बोर्ड भी काम कर चुका है.

वाइके दास, सदस्य सचिव, राज्य प्रदूषण बोर्ड

झारखंड में प्रतिबंधित है सिंगल यूज प्लास्टिक: झारखंड में 100 माइक्रोन से नीचे का सिंगल यूज प्लास्टिक पहले से प्रतिबंधित है. राज्य प्रदूषण बोर्ड ने इससे संबंधित आदेश पूर्व में ही जारी कर दिया है. बावजूद राज्य के कोने-कोने में प्लास्टिक बैग का उपयोग होता रहता है. स्थानीय निकायों की इकाइयों को इसको रोकने की जिम्मेदारी दी गयी है. समय-समय पर निगम या निकाय अभियान चलाकर कार्रवाई भी करता है.

Posted by: Pritish Sahay

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