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लॉकडाउन की वजह से झारखंड, बिहार में फंसे कर्मचारियों, प्रवासियों की मदद के लिए सामने आये आईआईटी, आईआईएम के छात्र

students of iit and iim helping peoples stranded in jharkhand bihar during lockdown रांची/नयी दिल्ली : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन की वजह से फंसे कर्मचारियों, प्रवासियों और बेघर लोगों की मदद के लिए आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के छात्रों ने मिलकर ‘सहयोग’ नाम की एक पहल शुरू की है. इस टीम के अनुसार कई गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) और सरकारी एजेंसियां लॉकडाउन के दौरान मदद मुहैया कराने के लिए काम कर रही हैं, लेकिन अब भी ऐसे कई लोगों से संपर्क किये जाने की जरूरत है, जिन तक दवाईयों, मास्क तथा खाद्य पदार्थ जैसी आवश्यक चीजें नहीं पहुंच पा रही हैं.

रांची/नयी दिल्ली : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन की वजह से फंसे कर्मचारियों, प्रवासियों और बेघर लोगों की मदद के लिए आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान के छात्रों ने मिलकर ‘सहयोग’ नाम की एक पहल शुरू की है. इस टीम के अनुसार कई गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) और सरकारी एजेंसियां लॉकडाउन के दौरान मदद मुहैया कराने के लिए काम कर रही हैं, लेकिन अब भी ऐसे कई लोगों से संपर्क किये जाने की जरूरत है, जिन तक दवाईयों, मास्क तथा खाद्य पदार्थ जैसी आवश्यक चीजें नहीं पहुंच पा रही हैं.

इस समूह में 700 छात्र हैं, जिन्होंने मिलकर एक टोल फ्री हेल्पलाइन शुरू की है. इस हेल्पलाइन पर लोग फोन कर सकते हैं. लोगों की फोन कॉल मिलने पर यह टीम एनजीओ से संपर्क कर उनकी जरूरतें पूरी कराने की कोशिश करती है. टीम ने एक एप्प (App) भी बनायी है, जिसके जरिये लोग अपने करीबी एनजीओ या सरकारी एजेंसियों से मदद हासिल कर सकते हैं.

आईआईटी गुवाहाटी के पीएचडी शोधार्थी विक्रांत सिंह ने कहा, ‘अभी तक हमने देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय 40 एनजीओ से संपर्क किया है. अभी हमारी प्राथमिकता प्रवासी कर्मचारी और बुजुर्ग लोग हैं, जिन्हें इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा है. हम खाद्य पदार्थ, पेयजल, मास्क, साबुन, सैनिटाइजर, कपड़े और जरूरी दवाइयां मुहैया कराने में मदद कर रहे हैं.’

उन्होंने बताया कि यह सेवा दो दिन पहले ही चालू की गयी है और अभी झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश में सक्रिय है. इसके जरिये 50 समूह को मदद मुहैया करायी गयी है. उन्होंने कहा, ‘हमें पता है कि कई लोग हैं, जिन्हें मदद की जरूरत है. एनजीओ ऐसे लोगों का पता लगाने में पूरी तरह सक्षम नहीं है. हम इसी दूरी को कम करने का माध्यम बनना चाहते हैं.’

आईआईएम, बेंगलुरु के गौरव सिंह ने कहा, ‘हम दूसरे राज्यों तक पहुंचने की भी कोशिश कर रहे हैं और छात्रों की मदद हासिल करने के लिए देश के विभिन्न कॉलेजों से भी संपर्क कर रहे हैं. सामाजिक दूरी बनाये रखने के प्रोटोकॉल के कारण छात्र खुद कहीं नहीं जायेंगे, लेकिन समन्वय स्थापित करेंगे, ताकि सहयोगी एनजीओ के जरिये मदद मुहैया करा सकें.’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोविड-19 के मामले बढ़कर गुरुवार को 1,965 हो गये और वहीं इससे अब तक 50 लोगों की जान जा चुकी है.

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