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स्टडी प्वाइंट हब बनी रांची, पढ़ने और पढ़ाने का लाइब्रेरी कल्चर

एकांत माहौल में सेल्फ स्टडी करने के इच्छुक युवा कॉलेज की बजाय लाइब्रेरी ज्वाइन कर उसमें पढ़ाई कर रहे हैं. ये निजी लाइब्रेरी स्टूडेंट हब वाले इलाकों में न्यू बिजनेस कंसेप्ट के रूप में भी फल-फूल रहे हैं.

रांची, अभिषेक रॉय : दिल्ली, कोटा, कोलकाता और पटना के बाद रांची भी स्टडी प्वाइंट हब बनती नजर आ रही है. शैक्षणिक सुविधा के लिए एक दर्जन से अधिक कॉलेज में कई कोर्स संचालित हो रहे हैं. आये दिन होनेवाली प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी सैकड़ों कोचिंग संस्थान मौजूद हैं. इनमें पढ़नेवाले लाखों विद्यार्थियों ने अब सेल्फ स्टडी का ठिकाना चुन लिया है. रांची के कोकर, थड़पखना, मोरहाबादी, बहुबाजार, सर्कुलर रोड और हरमू समेत अन्य इलाकों में एक दर्जन से अधिक निजी लाइब्रेरी खुल चुकी है. यहां विद्यार्थियों को किताब की जगह शैक्षणिक माहौल दिया जा रहा है. एकांत माहौल में सेल्फ स्टडी करने के इच्छुक युवा कॉलेज की बजाय लाइब्रेरी ज्वाइन कर उसमें पढ़ाई कर रहे हैं. ये निजी लाइब्रेरी स्टूडेंट हब वाले इलाकों में न्यू बिजनेस कंसेप्ट के रूप में भी फल-फूल रहे हैं.

सेल्फ स्टडी का बेहतर ठिकाना

वैसे विद्यार्थी जो ग्रामीण क्षेत्र से निकल कर शहर में अपनी पढ़ाई पूरी करने पहुंचते हैं, उन्हें अक्सर सेल्फ स्टडी का बेहतर माहौल नहीं मिलता. लॉज और हॉस्टल में शैक्षणिक माहौल नहीं मिलने पर तैयारी भी प्रभावित होती है. ऐसे युवा अब निजी लाइब्रेरी से जुड़कर दिनभर पढ़ाई कर रहे हैं. इससे स्कूल और कोचिंग के बाद मेडिकल, इंजीनियरिंग, यूपीएससी, जेपीएससी, जेएसएससी, बैंकिंग समेत अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी का बेहतर माहौल मिल रहा है. इन निजी लाइब्रेरी में पढ़नेवाले युवा पढ़ने और पढ़ाने में विश्वास करते हैं. इससे एक-दूसरे के कंसेप्ट को समझाने में मदद मिलती है. साथ ही नियमित पढ़ाई भी पूरी हो रही है.

लाइब्रेरी में विद्यार्थियों की हो रही मॉनिटरिंग

निजी लाइब्रेरी से जुड़ रहे विद्यार्थियों की नियमित मॉनिटरिंग भी हो रही है. विद्यार्थियों का बायोमीट्रिक अटेंडेंस लिया जाता है. वैसे विद्यार्थी, जो शुल्क का भुगतान कर पढ़ने नहीं आते, उन्हें संचालक फोन कर उनकी काउंसेलिंग भी कर रहे हैं. दिनभर निजी लाइब्रेरी में समय बितानेवाले विद्यार्थियों को लाइब्रेरी में ही कैफेटेरिया की सुविधा दी जा रही है. जिससे विद्यार्थी खाना खाने के बहाने ज्यादा समय बाहर न बिता सकें. समय-समय पर इन कैफेटेरिया में विद्यार्थियों के लिए विषयवार ग्रुप डिस्कशन का भी आयोजन किया जा रहा है. इससे विद्यार्थी एक-दूसरे की पढ़ाई में सहयोग कर रहे हैं.

विद्यार्थियों की असुविधा देखकर शुरू की लाइब्रेरी

कोकर स्थित डिजिटल लाइब्रेरी की संचालक नीतू रंजन ने बताया कि दूसरे शहर से पढ़ने पहुंचे स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लॉज चलाया जा रहा था. अक्सर लॉज में रहने वाले विद्यार्थी रूम में पढ़ाई का माहौल नहीं मिलने का जिक्र करते थे. इस कारण कई विद्यार्थियों का शैक्षणिक प्रदर्शन भी प्रभावित हो रहा था. इससे ही निजी लाइब्रेरी का आइडिया मिला. अब लॉज और इलाके में रहने वाले 50 से अधिक विद्यार्थी अपनी सुविधा अनुसार लाइब्रेरी से जुड़ चुके हैं.

दिल्ली की निजी लाइब्रेरी देखकर मिला आइडिया

थड़पखना स्थित नित्या लाइब्रेरी के संचालक रवि जायसवाल ने कहा कि दिल्ली में निजी लाइब्रेरी का कॉन्सेप्ट देखकर प्रेरणा मिली. वहां से वापस लौट कर इलाके में संचालित दर्जनों लॉज के विद्यार्थियों के बीच निजी लाइब्रेरी की मांग का सर्वे किया. विद्यार्थियों की जरूरत देखकर आवासीय परिसर को लाइब्रेरी में बदल दिया. जहां दो फ्लोर में एक साथ 120 विद्यार्थियों के बैठने की जगह तैयार की. इसमें अब स्लॉट अनुरूप 200 से अधिक विद्यार्थी शैक्षणिक माहौल का लाभ उठा रहे हैं.

स्लॉट अनुरूप तय है शुल्क

लाइब्रेरी में पढ़ाई करनेवालों की मानें, तो इन निजी लाइब्रेरी में सुविधाओं के साथ प्रतियोगिता का माहौल मिलता है. ये सुविधाएं सरकारी या कॉलेज की लाइब्रेरी में नहीं हैं. हालांकि अलग-अलग निजी लाइब्रेरी सुविधानुसार मासिक शुल्क ले रहे हैं, जो 100 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क के साथ मासिक समयावधि पर निर्धारित किया गया है. युवा स्लॉट के अनुरूप इन निजी लाइब्रेरी का शुल्क भुगतान कर रहे हैं. प्रतिदिन तीन घंटे की पढ़ाई के लिए 300 रुपये प्रति माह लिया जाता है. इसके अलावा विद्यार्थियों को छह घंटे से लेकर 12 घंटे तक लाइब्रेरी का इस्तेमाल करने के लिए शुल्क तय है. लाइब्रेरी का संचालन सुबह सात बजे से लेकर रात नौ बजे तक किया जा रहा है. जहां पढ़ाई करने के लिए 1000 रुपये से 1500 रुपये प्रति माह लिया जा रहा है. निजी लाइब्रेरी से जुड़ रहे विद्यार्थियों के लिए वार्षिक शुल्क भी तय किया गया है.

लाइब्रेरी में जाकर पढ़ने का रुझान बढ़ा

प्रतिस्पर्धा के दौर में युवा वर्ग में कंपीटिशन की भावना जगी है. नतीजतन शहर के युवा अब लाइब्रेरी में जाकर पढ़ाई करना पसंद कर रहे हैं. इन निजी लाइब्रेरी में युवा सेल्फ स्टडी के लिए तय समय के रजिस्ट्रेशन और मासिक शुल्क का भी भुगतान कर रहे हैं. इससे उन्हें सुविधा भी मिल रही है. इन निजी लाइब्रेरी में युवाओं के लिए वाई-फाई, इंटरनेट, कंप्यूटर, समाचार पत्र व पत्रिकाएं, बैठने के लिए आरामदायक कुर्सी व मेज और लॉकर जैसी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं. यहां युवा आराम से बैठकर दिनभर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते नजर आ रहे हैं.

विद्यार्थियों ने कहा

दोस्तों के साथ लॉज में रहते हुए पढ़ाई का माहौल नहीं मिलता है. डिजिटल लाइब्रेरी से जुड़कर अब जेएसएससी की तैयारी कर रहा हूं. यहां दूसरों को देखकर भी पढ़ने की प्रेरणा मिलती है.

– रोहित पांडेय

कॉलेज लाइफ खत्म होने के बाद बैंकिंग की तैयारी शुरू की. शहर की सरकारी लाइब्रेरी में सुविधाओं की कमी मिली. इसके बाद निजी लाइब्रेरी से जुड़ी, यहां तैयारी का बेहतर माहौल है.

– मधुमिता कुमारी

सेल्फ स्टडी के लिए अच्छे माहौल की तलाश थी. घर पर यह संभव नहीं है. दोस्त से लाइब्रेरी की जानकारी मिली, यहां अब 12 घंटे का स्लॉट बुक कर नियमित 10 घंटे पढ़ाई करती हूं.

– संजना कुमारी

सेल्फ स्टडी के लिए शांत परिवेश की जरूरत है, जो घर पर रहते हुए नहीं मिलता है. चार माह पूर्व निजी लाइब्रेरी से जुड़ा. जहां शैक्षणिक माहौल के साथ पाठ्यक्रम सुविधा भी मिल रही है.

– रोहित कुमार

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