रांची: स्वर्णरेखा नदी और इसके तट पर नागवंशीकालीन 21 शिवलिंगों (इक्कीसो महादेव) को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रांची के एलपी पब्लिक स्कूल के 600 बच्चों ने पोस्टकार्ड लिखकर इस नदी की दुर्दशा और नदियों के प्रदूषण से नष्ट हो रहे इक्कीसो महादेव को संरक्षित करने की गुहार लगायी.
पोस्टकार्ड लिखो अभियान का आगाज
स्वर्णरेखा उत्थान समिति के द्वारा पोस्टकार्ड लिखो अभियान का व्यापक समर्थन मिल रहा है. कई स्कूल इस अभियान में शामिल हो रहे हैं. इसी क्रम में आज मंगलवार को रांची के किशोरगंज स्थित एलपी पब्लिक स्कूल से इस अभियान की शुरुआत हुई. इसमें कक्षा 5वीं से लेकर 10वीं तक के करीब 600 बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पोस्टकार्ड लिखकर इस अभियान का आगाज किया.
21 लाख पोस्टकार्ड लिखने का लक्ष्य
पोस्टकार्ड लिखो अभियान की शुरुआत करने वाले सुधीर शर्मा ने बताया कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय से इस विषय पर संज्ञान नहीं लिया जाता, तब तक यह अभियान चलेगा. प्रथम चरण में रांची, बुण्डू, मैक्लुस्कीगंज और रामगढ़ में यह अभियान चलाया जाएगा. समिति का लक्ष्य कम से कम 21 लाख पोस्टकार्ड लिखकर अपील करने का है. झारखंड के प्रत्येक परिवार के सदस्य पोस्टकार्ड के माध्यम से स्वर्णरेखा और इक्कीसो महादेव को बचाने की अपील करेंगे, तो निश्चित रूप से हमारी बातें सुनी जाएंगी.
इससे पहले निकाली गयी थी 21 किलोमीटर की कांवर यात्रा
आपको बता दें कि स्वर्णरेखा उत्थान समिति के द्वारा स्वर्णरेखा को बचाने और इक्कीसो महादेव को संरक्षित करने की मुहिम पिछले कई दिनों से चलायी जा रही है. पिछले 13 अगस्त को समिति के द्वारा लोगों में जनजागरूकता के उद्देश्य से स्वर्णरेखा के उद्गम स्थल रानीचुआं से इक्कीसो महादेव तक की 21 किलोमीटर की कांवर यात्रा का आयोजन किया गया था, जिसमें 400 से अधिक कांवरियों ने भाग लिया था.
इनकी रही अहम भूमिका
पोस्टकार्ड लिखो अभियान के शुभारंभ में विद्यालय के प्रधानाचार्य जितेन्द्र पाठक, सीए नवीन सोनी, स्कूल के मैट्रिक टॉपर आकाश कुमार एवं अन्य शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
स्वर्णरेखा नदी और इक्कीसो महादेव के संरक्षण की अपील
झारखंड की जीवनधारा कही जानेवाली स्वर्णरेखा नदी को प्रदूषणमुक्त करने एवं इस प्रदूषण से विस्मृत हो रहे इक्कीसो महादेव के 21 शिवलिंगों को संरक्षित करने के उद्देश्य से स्वर्णरेखा उत्थान समिति के आह्वान पर करीब 400 कांवरियों ने नंगे पांव पैदल चलकर लोगों से नदी को बचाने की अपील की थी. पिछले दिनों स्वर्णरेखा के उद्गम स्थल नगड़ी के रानीचुआं से चुटिया स्थित इक्कीसो महादेव तक 21 किलोमीटर की पैदल कांवर यात्रा का उत्साह देखने लायक था. पथरीले रास्तों और कड़ाके की धूप में भी कांवरियों का उत्साह कम नहीं हुआ. कावंरियों ने रानीचुआं के धान के खेत में फिसलन भरी मेड़ों से होकर रानीचुआं में पवित्र जल भरकर कांवर यात्रा की शुरूआत की और 21 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर शाम को चुटिया स्थित 21 महादेव के 21 शिवलिंगों में जलाभिषेक किया.
कांवरियों का हुआ था भव्य स्वागत
कांवर यात्रा में चार पड़ाव स्थल बनाए गए थे. नगड़ी स्थित स्वर्णरेखा बैंक्वेट हॉल, कटहल मोड़, अरगोड़ा के बूढ़ा महादेव और क्लब रोड स्थित सिटी सेंटर में कांवरियों का भव्य स्वागत किया गया था. कांवरियों के लिए सभी स्थानों पर पानी, चाय, फल, मिठाई एवं विश्राम की व्यवस्था की गयी थी. पूरे रास्ते में जगह-जगह पर लोगों ने पानी, शरबत और पुष्प वर्षा कर कांवरियों का स्वागत किया गया था.
Also Read: Explainer: झारखंड की 30 हजार से अधिक महिलाओं की कैसे बदल गयी जिंदगी? अब नहीं बेचतीं हड़िया-शराब
कांवरियों ने दिया था जागरूकता का संदेश
पिछले दिनों आयोजित कांवर यात्रा में कांवरिए हाथों में नदी बचाने की अपील और जागरूकता संबंधी तख्तियां लिए हुए थे. स्वर्णरेखा को डस्टबिन नहीं बनाने की अपील करते हुए समिति के सदस्यों ने शहरवासियों से अपील की कि अगर आज स्वर्णरेखा को नहीं बचाया गया तो आनेवाले दिनों में स्वर्णरेखा भी हरमू नदी की तरह एक नाला बनकर रह जाएगी. कांवर यात्रा को सफल बनाने में विकास जायसवाल, नीरज सिंह, दीपेश पाठक, मखन पाठक, गौतम देव, मनोज महतो, नंदकिशोर, पिया बर्मन, जयनाथ पाण्डेय, डॉ सुमन दुबे, बिप्लव विश्वास, संजय बोस, विवेक राज एवं सभी सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी.