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झारखंड के ग्रामीणों क्षेत्रों में कम हैं शुगर-बीपी के मरीज, देश के 22 राज्यों में सबसे बेहतर, ये है मुख्य वजह : आइसीएमआर रिपोर्ट

वहीं, ग्रामीण इलाके में 3.50 से 10.50 फीसदी लोग डायबिटीज और बीपी के शिकार हैं. खास बात यह है कि झारखंड के ग्रामीण इलाकों में इन दोनों बीमारियों के महज 1.01 फीसदी मरीज मिले हैं. दरअसल, झारखंड के ग्रामीण इलाकों के एसिम्टोमैटिक कोरोना संक्रमितों की जांच हो रही है. 25 मई से शुरू हुए अभियान में 30 मई तक 28 लाख 21 हजार 675 घरों की जांच हुई.

Sugar BP Patients In India ICMR Report रांची : देश के अन्य राज्यों के मुकाबले झारखंड के ग्रामीण अब स्वस्थ हैं. साथ ही डायबिटीज (मधुमेह) और हाइ/लो ब्लड प्रेशर (उच्च/निम्न रक्तचाप) जैसी बीमारियों से दूर हैं. आइसीएमआर द्वारा कराये गये सर्वे के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं. आइसीएमआर ने अब तक देश के 22 राज्यों में डायबिटीज और बीपी के मरीजों का आंकड़ा तैयार किया है. इसके मुताबिक, शहरी क्षेत्र के 15 से 20 फीसदी लोगों को डायबिटीज और बीपी है.

वहीं, ग्रामीण इलाके में 3.50 से 10.50 फीसदी लोग डायबिटीज और बीपी के शिकार हैं. खास बात यह है कि झारखंड के ग्रामीण इलाकों में इन दोनों बीमारियों के महज 1.01 फीसदी मरीज मिले हैं. दरअसल, झारखंड के ग्रामीण इलाकों के एसिम्टोमैटिक कोरोना संक्रमितों की जांच हो रही है. 25 मई से शुरू हुए अभियान में 30 मई तक 28 लाख 21 हजार 675 घरों की जांच हुई.

इस दौरान एक करोड़ 40 लाख 33 हजार 12 ग्रामीणों की जांच की गयी. इनमें से 69,603 ब्लड प्रेशर और 72,935 डायबिटीज के मरीज मिले, जो कुल जांच का 1.01 फीसदी है. वहीं, टीबी के 10 हजार 74 मरीज मिले हैं.

झारखंड के ग्रामीण इलाकों की स्थिति बेहतर, यहां ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीजों का आंकड़ा मात्र 1.01 फीसदी
आइसीएमआर ने देश के 22 राज्यों में कराया सर्वे

देश के ग्रामीण इलाके में 3.50 से 10 फीसदी लोग हैं ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीज

गांवों में हुई जांच में 69603 लोगों में बीपी और 72935 लोगों में शुगर की पुष्टि हुई

कोरोना स्क्रीनिंग के दौरान राज्य के ग्रामीण इलाकों में हुई 1,40,33012 लोगों की जांच

स्वस्थ जीवनशैली के कारण ग्रामीणों से बीमारियां हैं दूर

विशेषज्ञों का कहना है कि डायबिटीज और बीपी दोनों ही खराब जीवनशैली की बीमारियां हैं. जबकि झारखंड के ग्रामीण इलाकों में अब भी लोग शारीरिक परिश्रम ज्यादा करते हैं. वहीं, पिछड़ा व गरीब राज्य होने के कारण आवागमन की उतनी सुविधा नहीं है, जितनी देश के अन्य राज्यों में हैं. ऐसे में लोग पैदल या साइकिल से चलना ज्यादा करते हैं. शारीरिक मेहनत ज्यादा होने से से शुगर व बीपी की बीमारी से कम पीड़ित हैं.

रांची जिले के ग्रामीणों में शुगर व बीपी सबसे ज्यादा

रांची जिला के ग्रामीण डायबिटीज व ब्लड प्रेशर की बीमारी से ज्यादा पीड़ित हैं. स्क्रीनिंग में रांची के 7118 ग्रामीणों में डायबिटीज और 7103 ग्रामीणों में ब्लड प्रेशर की पुष्टि हुई है. इसके बाद पलामू में 6120 लोग शुगर व 5387 लोग ब्लड प्रेशर से पीड़ित मिले हैं. पूर्वी सिंहभूम में डायबिटीज के 4538 व ब्लड प्रेशर के 4750 मरीज हैं. सिमडेगा में सबसे कम 425 डायबिटीज व 427 ब्लड प्रेशर के मरीज मिले हैं.

विभिन्न जिलों के ग्रामीण इलाकों में हुए सर्वे के दौरान मिले शुगर और बीपी के मरीज

जिला शुगर बीपी

बोकारो 2956 3005

चतरा 2442 1928

देवघर 1662 1345

धनबाद 4374 4279

दुमका 2998 3383

पूर्वी सिंहभूम 4538 4750

गढ़वा 3432 5163

गिरिडीह 5667 7576

गोड्डा 2451 2310

गुमला 2285 3616

हजारीबाग 5248 5800

जामताड़ा 3103 2520

जिला शुगर बीपी

खूंटी 828 612

कोडरमा 795 1345

लातेहार 467 393

लोहरदगा 1215 1105

पाकुड़ 922 2201

पलामू 6120 5387

रामगढ़ 3812 2503

रांची 7118 7103

साहेबगंज 291 295

सरायकेला 4157 4982

सिमडेगा 425 427

प सिहभूम 2037 2738

Posted By : Sameer Oraon

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