साहिबगंज में हुए अवैध खनन घोटाले में इडी के गवाह पत्थर व्यवसायी प्रकाश चंद्र यादव उर्फ मुंगेरी यादव को सुप्रीम कोर्ट से क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) में राहत मिल गयी है. उन्हें मुफ्फसिल व राजमहल थाने में दर्ज सभी मामलों में जमानत मिल गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुंगेरी यादव की ओर से दायर एसएलपी पर सुनवाई के बाद झारखंड सरकार को आदेश दिया था कि शाम 5:00 बजे तक उन्हें रिहा करें और कोर्ट को इससे अवगत करायें.
इस आदेश के बाद कागजी प्रक्रिया पूरी करते हुए मुंगेरी यादव को शाम 7:02 बजे साहिबगंज मंडल कारा से रिहा कर दिया गया. उन्हें जिला पुलिस की गाड़ी से सुभाष कॉलोनी स्थित उनके आवास पर पहुंचाया गया. साथ ही राज्य सरकार की ओर से इस बाबत सुप्रीम कोर्ट को भी सूचित कर दिया गया.
साहिबगंज पुलिस ने मुंगेरी यादव को 29 जुलाई 2022 को रांची से पटना जाने के क्रम में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के समीप से गिरफ्तार किया था. उन पर राजमहल थाना में आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. वहीं, मुफ्फसिल थाना में भी मामले दर्ज थे. साहिबगंज जिला प्रशासन ने अगस्त 2022 में उन पर सीसीए लगाया था. जिला प्रशासन की इस कार्रवाई को झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गयी.
एकल पीठ ने दो नवंबर 2022 को उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद अपील याचिका दायर कर एकल पीठ के आदेश को चुनाैती दी. खंडपीठ ने भी एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए मुंगेरी यादव की अपील याचिका खारिज कर दी थी. महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि अभियुक्त पर सीसीए लगाया गया था़. इसके तहत 12 माह में से 11 माह 15 दिन वह जेल में बिता चुके हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्हें रिहा कर दिया गया.
जेल में बंद मुंगेरी यादव की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें रांची रिम्स में भर्ती कराया गया था. कुछ दिन पूर्व ही वे इलाज कराकर साहिबगंज लौटे थे. सोमवार शाम जेल से रिहा हो कर घर लौटने के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दबाव व व्यक्तिगत दुश्मनी के तहत मुझ पर झूठा केस करवा कर जेल में रोका गया.