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सीएम के ओएसडी रहे गोपाल जी के खिलाफ निगरानी जांच, पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने दिया ऐसा आदेश

राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने निवर्तमान विशेष कार्य पदाधिकारी(ओएसडी) गोपाल जी तिवारी के खिलाफ निगरानी(एसीबी) जांच का आदेश दिया है.

आनंद मोहन, रांची : राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने निवर्तमान विशेष कार्य पदाधिकारी(ओएसडी) गोपाल जी तिवारी के खिलाफ निगरानी(एसीबी) जांच का आदेश दिया है. उन्होंने यह आदेश अपने निवर्तमान ओएसडी के खिलाफ पद का दुरुपयोग कर पैसा कमाने और 21.55 करोड़ रुपये निवेश करने से संबंधित मिली शिकायतों के मद्देनजर दिया है. राज्य में किसी मुख्यमंत्री द्वारा अपने ही निवर्तमान ओएसडी की निगरानी जांच का आदेश दिये जाने का यह पहला मामला है.

राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गोपाल जी तिवारी ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री के ओएसडी(अतिरिक्त प्रभार) का पद त्याग दिया था. फिलहाल वह पथ निर्माण विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर पदस्थापित हैं.

मुख्यमंत्री को पिछले दिनों एक शिकायती पत्र मिला था. इसमें यह आरोप लगाया गया था कि गोपाल जी तिवारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर नाजायज तरीके से पैसे कमाये हैं. उन्होंने इस पैसे से संपत्ति अर्जित की है. उन्होंने जमीन और फ्लैट में बड़ी राशि निवेश की है. साथ ही अनधिकृत रूप से विदेश यात्रा भी की है. इन शिकायतों के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने निगरानी ब्यूरो में पीइ दर्ज कर जांच का आदेश दिया है.

क्या लिखा है शिकायती पत्र में : उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों अधिवक्ता राजीव कुमार ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर एक शिकायती पत्र सौंपा था. साथ ही गोपाल जी तिवारी द्वारा अपने बेटे के नाम पर किये गये निवेश आदि से संबंधित दस्तावेज भी सौंपे थे. इसमें यह आरोप लगाया गया था कि मेसर्स किंग्सले डेवलपर नामक एक कंपनी बनायी गयी है. इस कंपनी में गोपाल जी का बेटा एक पार्टनर है.

इस कंपनी का कार्यालय अशोक नगर रोड नंबर-4 में हैं. कंपनी के एक पार्टनर जयदेव चटर्जी हैं. वह नार्थ ऑफिस पाड़ा के रहनेवाले हैं. इस कंपनी के दूसरे पार्टनर निलभ है. वह मोरहाबादी के आशाश्री गार्डन के रहनेवाले हैं. निलभ के पिता का नाम जी तिवारी है. मुख्यमंत्री को सौंपी गयी शिकायती पत्र में यह कहा गया था कि जी तिवारी का असली नाम गोपाल जी तिवारी है.

क्योंकि गोपाल जी तिवारी का पता भी वही है. लेकिन इस सेल डीड में गोपाल जी तिवारी ने अपना पूरा नाम छिपा कर सिर्फ जी तिवारी लिखा है. पत्र में यह भी कहा गया कि गोपाल जी तिवारी के बेटे की साझेदारीवाली इस कंपनी ने 9.05 करोड़ रुपये का लागत से जमीन कुल 136 डिसमिल जमीन खरीदी है. इसके अलावा गोपाल जी तिवारी ने गुरुग्राम में 12.5 करोड़ रुपये की लागत से एक फ्लैट खरीदा है. शोभा इंटरनेशनल सिटी में फ्लैट नंबर बी-4 भी उनके बेटे के नाम पर ही खरीदा गया है.

तिवारी पर पद का दुरुपयोग कर नाजायज तरीके से पैसे कमाने और संपत्ति अर्जित करने का आरोप

राप्रसे के अधिकारी गोपाल जी तिवारी ने पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री के ओएसडी का पद त्यागा था

21.55 करोड़ रुपये निवेश करने से संबंधित दस्तावेज पिछले दिनों सीएम को सौंपे गये थे

Post by : Pritish Sahay

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