शुभम हल्दार, रांची :
तमाड़ प्रखंड क्षेत्र के मोदीडीह तमाड़ में कई दशक से साप्ताहिक बाजार हाट संचालित है. मंगलवार और शनिवार को लगने वाले इस हाट में दूर दराज गांवों से हजारों लोग खरीदारी करने आते हैं. सैकड़ों किसान, छोटे दुकानदारों का परिवार इसी बाजार हाट में दुकान लगाने से चलता है. इसके बाद भी न तो बाजार स्थल पर नए शेड बनाए गए हैं, न ही शौचालय और ना ही पेयजल की कोई व्यवस्था की गई है. कई दर्शक पूर्व बने हुए यह शेड पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. जिसमें हमेशा हादसे का खतरा बना रहता है.
सुविधाओं की कमी से बाजार पहुंचने वाले किसानों, व्यापारियों समेत खरीदारी करने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. तमाड़ प्रखंड का सबसे बड़ा बाजार कहलाने वाला यह जगह लगभग 5 एकड़ से भी अधिक जगहों पर फैला हुआ है. बाजार स्थल में शेड नही होने के कारण कई बार सब्जी विक्रेताओं क़ो भारी बारिश या कड़ी धूप में प्लास्टिक से अपने दुकानों को बचाना पड़ता है.
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खुली जगह पर ही झिल्ली, पॉलीथिन लगाकर व्यवसायी सब्जी सहित अन्य सामान की बिक्री करते हैं. धूप से बचने के लिए झिल्ली लगाने में ही काफी समय व्यापारियों का समय बेकार हो जाता है. गर्मियों के मौसम में स्थिति और खराब हो जाती है. क्योंकि यहां पर पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है. लोग प्यास लगने पर पानी की तलाश में इधर उधर भटकते रहते हैं.
इसके अलावा न ही शौचालय का कोई इंतजाम है और न ही साफ सफाई का कोई इंतजाम. पूरे बाजार में जगह – जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है. व्यापारियों का इस मामले पर कहना है कि बाजार स्थल को बेहतर ढंग से विकसित करना चाहिए. बाजार विकसित होगा तो आसपास का क्षेत्र भी काफी तेजी सें विकसित होगा.
हाट बाजार में किसी प्रकार का विकास कार्य राजस्व विभाग के अंतर्गत जिला परिषद द्वारा हो सकता है :
गिरिजा शंकर महतो – बीडीओ तमाड़
तमाड़ बाजार के क्षतिग्रस्त शेड कितने वर्ष पूर्व बना था और किस विभाग सें इसका निर्माण हुआ था इसका कोई भी रिकॉर्ड खूंटी बाजार समिति के पास नही है. तमाड़ हाट बाजार अब खूंटी बाजार समिति के अधीन नही है. इसके अतिरिक्त 2015 में सरकार के द्वारा सभी हाट बाजारों क़ो राजस्व विभाग के अंतर्गत जिला परिषद एवं नगर पंचायत क़ो स्थानान्तरण किया जा चुका है :
रश्मि नागेश – पणन सचिव खूंटी बाजार समिति
इस बार फंड में जो राशि आया है इससे कई महत्पूर्ण सड़क का निर्माण कराना है जो अति आवश्यक है. अगले बार जब फंड आएगा तब तमाड़ बाजार का सौंदर्यीकरण का काम करूंगा –
विजय सिंह मानकी, जिप सदस्य तमाड़ पश्चिमी
तमाड़ बाजार में कई वर्षो सें सब्जी बिक्री करती हू. सुबह सें शाम तक बाजार में एक ही जगह बैठे रहना पड़ता है. बाजार में शौचालय पेयजल की व्यवस्था नही होने सें खासतौर पर महिला व्यापारियों क़ो सबसे ज्यादा परेशानी होती है
जीरा देवी – सब्जी विक्रेता
30 वर्षो सें तमाड़ बाजार में सब्जी का कारोबार करता आया हू. कड़ी धूप या मूसलाधार बारिश हो सभी व्यापारियों क़ो प्लास्टिक तिरपाल के सहारे मजबूरन रहना पड़ता है. शेड चबूतरा नही रहने सें सामान भी बर्बाद होता है :
सुनील कोईरी – सब्जी व्यापारी
30 वर्षो सें तमाड़ बाजार में सब्जी का कारोबार करता आया हू. कड़ी धूप या मूसलाधार बारिश हो सभी व्यापारियों क़ो प्लास्टिक तिरपाल के सहारे मजबूरन रहना पड़ता है. शेड चबूतरा नही रहने सें सामान भी बर्बाद होता है :
राजकपूर कोईरी – सब्जी व्यापारी
तमाड़ साप्ताहिक हाट में मंगलवार शनिवार क़ो सब्जी का दुकान लगाता हू. मेरे पूर्वज द्वारा इसी तमाड़ बाजार में कई दर्शक पूर्व सें सब्जी व्यापार करते आए है. हमारा यह खानदानी व्यापार है. आज तक तमाड़ बाजार में शेड, शौचालय, पेयजल की कोई व्यवस्था नही होने सें बहुत ज्यादा परेशानी झेलना पड़ता है :
रमेश मुंडा – पूर्व मुखिया