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रांची:जयराम महतो ने भरी हुंकार, 2024 में होगा बदलाव, झारखंडियों को मिलेगा हक, हेमंत सोरेन सरकार पर साधा निशाना

झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष टाइगर जयराम महतो के नेतृत्व में लगातार दो साल से राज्यवासी अपनी भाषा, अपनी पहचान, विस्थापन एवं नियोजन को लेकर संघर्षरत हैं. जेबीकेएसएस टाइगर जयराम को नेता मानते हुए बदलाव संकल्प सभा के माध्यम से जनजागरण अभियान चला रही है.

अनगड़ा (रांची), जीतेंद्र कुमार: झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष टाइगर जयराम महतो ने ईईएफ मैदान टाटीसिलवे में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड के मूल निवासियों के हक व अधिकार छीनने वाले अब अपना नया ठिकाना ढूंढ लें. झारखंड के लोग 2024 में बदलाव के लिए तैयार हैं. जयराम ने बदलाव संघर्ष सभा में कहा कि राज्यवासी अपनी भाषा, अपनी पहचान, विस्थापन एवं नियोजन को लेकर संघर्षरत हैं, फिर भी सरकार उनकी आवाज को दरकिनार कर 60/40 हकमार नीति के तहत नियुक्ति प्रक्रिया में व्यस्त है. जयराम महतो ने कहा कि झारखंड के निर्माण के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने कुर्बानी दी. इसके बाद अलग राज्य बना, तो फायदा बाहरी लोगों को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि टाटीसिलवे के ईईएफ मैदान में खचाखच भरी भीड़ एलान करती है कि अब और लूट की छूट नहीं मिलेगी. खतियानधारियों को न्याय चाहिए. राज्य की जनता अब अपना हक लेकर रहेगी. 23 साल के झारखंड में झारखंडी कौन है, यह भी परिभाषित नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस बदलाव संकल्प सभा को लेकर जो टीम काम कर रही थी, उसके सक्रिय सदस्य सुमित कुमार महतो ने बताया कि करीब 23 साल के झारखंड में झारखंडी कौन है, सरकार यह भी परिभाषित नहीं कर सकी. आपको बता दें कि कार्यक्रम से पहले जयराम महतो ने अनगड़ा में भगवान बिरसा मुंडा व गोंदलीपोखर में निर्मल महतो की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. सभा में उन्होंने कहा कि आज लोगों की यह भीड़ यहां सवाल बनकर आयी है, जिसका जवाब सरकार के पास नहीं है.

संकल्प सभा के माध्यम से जनजागरण अभियान

झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष टाइगर जयराम महतो के नेतृत्व में लगातार दो साल से राज्यवासी अपनी भाषा, अपनी पहचान, विस्थापन एवं नियोजन को लेकर संघर्षरत हैं. जेबीकेएसएस अब सभी राजनीतिक दलों को सबक सिखाने के लिए टाइगर जयराम को नेता मानते हुए जगह-जगह बदलाव संकल्प सभा के माध्यम से जनजागरण अभियान चला रही है और झारखंडियों को एकजुट कर रही है. विश्वकर्मा पूजा के दिन टाटीसिलवे के ईईएफ मैदान में जुटी भीड़ ने यह संकेत दे दिया है कि अब झारखंडी आर-पार की लड़ाई के मूड में है.

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23 साल में परिभाषित नहीं हो सका झारखंडी कौन

झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष टाइगर जयराम महतो की इस बदलाव संकल्प सभा को लेकर जो टीम काम कर रही थी, उसके सक्रिय सदस्य सुमित कुमार महतो ने बताया कि करीब 23 साल के झारखंड में झारखंडी कौन है, सरकार यह भी परिभाषित नहीं कर सकी. मुख्य वक्ता जयराम के अलावा मोतीलाल महतो, संजय मेहता, देवेन्द्र नाथ महतो, दीपक महतो, मनोज यादव आदि ने भी बदलाव का संकल्प दोहराया. डॉ रामदयाल मुंडा कला सांस्कृतिक विभाग का नृत्य मंडली, रेवती महतो, मजबूल खान, सुमित महतो, अजय पाहन की टीम ने सांस्कृतिक कार्यक्रम कर समा बांधा. इस दौरान पाकेटमारों ने भी दर्जनों मनीबैग व मोबाइल पर हाथ साफ किए.

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भगवान बिरसा मुंडा व निर्मल महतो की प्रतिमा पर माल्यार्पण

झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति की जनसभा से पहले जयराम महतो ने अनगड़ा में भगवान बिरसा मुंडा व गोंदलीपोखर में निर्मल महतो की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. सभा में उन्होंने कहा कि आज लोगों की यह भीड़ यहां सवाल बनकर आयी है, जिसका जवाब सरकार के पास नहीं है. हमारी जमीन, संसाधन व खनिज हमसे लूटा जा रहा है. जयराम महतो की सभा में उमड़ी भीड़ ने खिजरी विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है.

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इनकी रही सक्रिय भागीदारी

सभा के आयोजन में प्रभारी फलिन्द्र करमाली, सुमीत महतो, बालेश्वर बेदिया, जुगेश मुंडा, लखीन्द्र महतो, राजेश बैठा, मोतीलाल महतो, संजय मेहता, देवेन्द्रनाथ महतो, दीपक महतो, मनोज यादव, बिमल महतो, अंगद नायक, पप्पु कुरमी, सावना महतो, देवयंती मुंडा, जलेश्वर महतो, सुरेश महतो, राकेश, बीरबल महतो, जय, प्रवीण, मजबुल खान, अजय पाहन, संजय , जितेंद्र, राजेश, चंदन, हेमंत, रामपोदो महतो, विराट महतो, मुकुल महतो, आशाराम महतो, महेन्द्र महतो, अमर, सतीश महतो आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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