झारखंड के दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड का मलूटी मंदिरों के गांव के नाम से प्रसिद्ध है.
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कभी टेराकोटा स्थापत्य शैली के 108 मंदिर और इतने ही तालाब हुआ करते थे, लेकिन अब 72 मंदिर ही शेष बचे हैं.
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पहले 108 मंदिर होने के कारण माला के मनकों के बराबर इन मंदिरों वाले गांव को झारखंड का गुप्तकाशी भी कहा जाता है.
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मलूटी में टेराकोटा (पकाई गयी मिट्टी से बनायी गयी कलाकृति) की अद्भुत कारीगरी देखी जा सकती है.
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मलूटी में हर जगह करीब 20-20 मंदिरों का समूह है. हर समूह के मंदिरों की अपनी शैली है.
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