रांची : शहर में विभिन्न कारणों से लग रहे जाम के कारण आम लोग परेशान हैं. इससे उनका आने-जाने के क्रम में काफी समय बर्बाद हो जा रहा है. कांटाटोली में फ्लाइओवर निर्माण के कारण इससे जुड़े अन्य मार्गों पर गाड़ियों का दबाव बढ़ गया है. ऐसे में जाम रोजमर्रा की समस्या बन गयी है. शुरुआत से ही कई संगठनों की ओर से भी इस मसले पर ध्यान देने का आग्रह किया जाता रहा है, लेकिन प्रशासन आज तक कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाया है. बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो की गाड़ी भी जाम में फंस गयी़ ट्रैफिक पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद वाहन को निकाला.
कांटाटोली फ्लाइओवर निर्माण के कारण सुबह से लेकर शाम तक कांटाटोली चौक के चारों ओर की सड़कों पर जाम लगा रहता है़ बुधवार को भी यहां दिन भर जाम लगा रहा़ दिन के 1:00 बजे से 3:00 बजे तक कांटाटोली चौक के चारों ओर लंबा जाम लगा रहा़ इस कारण विधानसभा अध्यक्ष को अपना मार्ग बदलना पड़ा.
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो कोकर में प्रभात खबर के कार्यक्रम में शामिल होकर विधानसभा जाने के लिए कांटाटोली की ओर निकलना चाह रहे थे, लेकिन कांटाटोली में जाम लगने की सूचना पर उनका काफिला लौट कर कोकर होते हुए लालपुर चौक की ओर गया. लेकिन दिन के 1:30 बजे लालपुर चौक के पास भी जाम होने से पांच से सात मिनट तक वह वहां फंस गये. बाद में ट्रैफिक पुलिस की मशक्कत के बाद उन्हें जाम से निकाला गया.
कांटाटोली फ्लाइओवर निर्माण के कारण पीक ऑवर सुबह 9:00 बजे से 11:30 बजे तथा शाम 4:00 बजे से 6:00 बजे तक तो यहां रोड में लोग जाने से डरते हैं. कांटाटोली चौक जाम रहने के कारण कोकर और बूटी मोड़ की ओर से डोरंडा जानेवाले वाहन मेन रोड होकर डोरंडा की ओर जाते हैं, जिससे मेन रोड पर भी दबाव बढ़ने से जाम लगने लगा है.
कांटाटोली फ्लाइओवर निर्माण का असर डंगराटोली से कचहरी तक पड़ रहा है. इस कारण लालपुर से कोकर जानेवाला रोड भी जाम हो जा रहा है. बुधवार को दिन के 1:30 बजे से 2: 30 बजे तक रोड जाम रहा. इस जाम के कारण ब्रांच रोड व पीस रोड भी जाम हो गया. यह एक दिन की बात नहीं हैं. प्रतिदिन लोग जाम से परेशान रहते हैं.
ई-रिक्शा के बेलगाम संचालन के कारण राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित है. इनके लिए न कोई रूट निर्धारित है और न ही इनकी कोई संख्या निर्धारित है. दूसरी ओर नगर निगम के अधिकारी भी इसे लेकर उदासीन बने हुए हैं. ऑटो चालकों की मनमानी के कारण पहले से ही त्रस्त शहर के लिए ई-रिक्शा नयी चुनौती साबित हो रही है. फिलहाल ई-रिक्शा को लेकर कोई नियम कानून नहीं है. इसका फायदा ई-रिक्शावाले खूब उठा रहे हैं.
ये अपने हिसाब से कहीं भी पहुंच जा रहे हैं. इनकी मनमानी का दूसरा नमूना यह भी है कि ये हमेशा अपने रिक्शे को चौक के कोने पर ही खड़ा कर देते हैं. इससे ट्रैफिक सिग्नल ग्रीन होने के बाद भी लोग रेंग-रेंगकर चौक पार करने के लिए मजबूर रहते हैं. इसके अलावा मेन रोड, रातू रोड सहित अन्य चौक चौराहों पर सवारियां बैठाने के लिए सड़क पर ही ई-रिक्शा को एक लाइन से खड़ा कर दिया जाता है. इससे रह-रहकर जाम लग जाता है.
शहर के चौक-चौराहों को जाम करनेवाले ई-रिक्शा पर ट्रैफिक पुलिस भी मेहरबान हैं. इधर, सहायक नगर आयुक्त ज्योति कुमार सिंह ने कहा कि ई-रिक्शा की वजह से परेशानी है. इससे कई जगहों पर जाम भी लग रहा है. इस समस्या से निबटने के लिए बहुत जल्द ट्रांसपोर्ट कमेटी की बैठक में प्रस्ताव रखा जायेगा.