Jharkhand Political Crisis: झारखंड में सियासी हलचल के बीच रविवार को UPA विधायकों ने राज्यपाल रमेश बैस से फैसला सार्वजनिक करने की मांग की. साथ ही कहा कि राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न कर हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. साथ ही सवाल उठाया कि जब जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 9ए के तहत किसी की सदस्यता रद्द नहीं हुई है, तो सीएम हेमंत सोरेन के साथ संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर ऐसा बर्ताव क्यों?
UPA ने उठाए सवाल
रविवार की शाम सीएम आवास में जुटे झामुमो, कांग्रेस और राजद के विधायकों ने पत्रकारों से बात करते हुए राज्यपाल रमेश बैस से फैसला जल्द सुनाने का आग्रह किया. साथ ही सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कारण है कि चुनाव आयोग के पत्र पर राज्यपाल ने अपना मंतव्य नहीं दिया है. ऐसी क्या कानूनी सलाह है, जिसे नहीं ले पा रहे हैं.
जनादेश का अपमान कर रही भाजपा : चंपई
इस मौके पर झामुमो नेता और मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार को अपदस्थ करना अनुचित है. राज्यपाल का बहुत बड़ा दायित्व है. आदिवासियों और दलितों के संरक्षण का जिम्मा इनके कंधों पर है. आज भाजपा की ओर से जनादेश का अपमान किया जा रहा है. भाजपा की सोच ने राज्य के आदिवासी, दलित, पिछड़ा व मूलवासी को वर्षों पीछे ढकेल दिया है.
राज्यपाल को जो निर्णय लेना हैं लें : बन्ना
मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि हम राज्यपाल से जानना चाहते हैं, चुनाव आयोग का क्या निर्णय आया है. इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए़. कुछ गोपीचंद जासूस भ्रम फैला रहे है़ं जो निर्णय लेना है, जल्द लीजिए. इसके विरोध में हम खड़े हैं. अगर भाजपा को राज्य सरकार नहीं पच रही है, तो धारा 356 का इस्तेमाल कर राज्य सरकार को बेदखल कर दें.
राज्यपाल करें खुलासा, वर्ना हॉर्स ट्रेडिंग को मिलेगा बढ़ावा
वहीं, झामुमो नेता स्टीफन मरांडी ने कहा कि जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 9 ए के तहत आज तक किसी की सदस्यता नहीं गयी है. इसके बाद भी सीएम हेमंत सोरेन की घेराबंदी की जा रही है. राज्य का विकास ठप हो गया है. राज्यपाल के पास जो भी संवाद आया है, वह उसका खुलासा करें. नहीं तो हार्स ट्रेडिंग को बढ़ावा मिलेगा.
Posted By: Samir Ranjan.