19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कौन है दिनेश गोप? जानें झारखंड में कैसा रहा है उसका आपराधिक इतिहास

दिनेश गोप झारखंड में आतंक का पर्याय बन चुका था. पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के सरगना के रूप में कुख्यात दिनेश गोपाल पर करीब 150 मुकदमे दर्ज हैं. इसने दो दशक से पुलिस की नाक में दम कर रखा था.

झारखंड के एक दुर्दांत नक्सली को पड़ोसी देश नेपाल से गिरफ्तार कर लिया गया है. इसने दो दशक से पुलिस की नाक में दम कर रखा था. सूबे के अलग-अलग जिलों में आपराधिक और नक्सली गतिविधियों को अंजाम देता था. पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को इसको गिरफ्तार करने में कई साल लग गये. आखिरकार पुलिस और एनआईए के संयुक्त प्रयास से नेपाल में पकड़ा गया. इस शख्स का नाम दिनेश गोप है. आखिर कौन है दिनेश गोप, जिसकी गिरफ्तारी से पुलिस ने राहत की सांस ली है.

दिनेश गोप पर दर्ज हैं 150 मुकदमे

दिनेश गोप झारखंड में आतंक का पर्याय था. पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के सरगना के रूप में कुख्यात दिनेश गोप पर प्रदेश में करीब 150 मुकदमे दर्ज हैं. लेवी वसूली के अलावा उस पर टेरर फंडिंग के भी आरोप हैं. उसकी दो पत्नियां हैं, जिन्हें पुलिस ने करीब ढाई साल पहले वर्ष 2020 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इन दोनों पर टेरर फंडिंग में दिनेश गोप की मदद करने के साथ-साथ लेवी वसूली के आरोप साबित हो चुके हैं.

खूंटी के लापा मोरहाटोली का रहने वाला है दिनेश गोप

झारखंड की राजधानी रांची से सटे खूंटी जिला के कर्रा प्रखंड के जरियागढ़ थाना क्षेत्र में स्थित एक गांव है लापा मोरहाटोली. दिनेश गोप मूल रूप से इसी गांव का रहने वाला है. ठेकेदारों में आतंक मचाने और उनसे वसूली के लिए उसके दस्ते के सदस्य कंस्ट्रक्शन साइट्स पर हमले करते थे. निर्माण कार्य में लगी जेसीबी व अन्य मशीनों को फूंक दिया करते थे. साइट पर काम करने वाले मुंशी और कर्मचारियों के साथ मारपीट भी करते थे. परचा छोड़कर लेवी नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी देते थे.

Also Read: पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप गिरफ्तार, नेपाल से हुई गिरफ्तारी, रांची लाने की तैयारी
पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप पर टेरर फंडिंग के भी हैं आरोप

चूंकि दिनेश गोप पर टेरर फंडिंग के भी आरोप थे, उसकी तलाश एनआईए को भी थी. आखिरकार एनआईए की स्पेशल टीम ने उसे नेपाल से गिरफ्तार कर लिया. उसे नेपाल से राजधानी दिल्ली लाया जायेगा. दिल्ली से उसे रांची लाया जायेगा, जहां कोर्ट में पेश किया जायेगा. दिनेश गोप की गिरफ्तारी से झारखंड पुलिस ने राहत की सांस ली है. हाल ही में दिनेश गोप के करीबी सुखराम गुड़िया को झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

काली कमाई के निवेश में लेता था पत्नियों की मदद

ठेकेदारों और व्यापारियों को धमकी देकर रंगदारी और लेवी वसूलने वाला दिनेश गोप अपनी 2 पत्नियों हीरा देवी और शकुंतला कुमारी के अलावा कुछ करीबी व्यापारियों के जरिये इन पैसों को कंपनियों में लगाता था. वह जितनी भी काली कमाई करता था, शेल कंपनियों के जरिये उसे बाजार में खपा देता था. इसमें उसकी दोनों पत्नियां और कई रिश्तेदार भी मदद करते थे.

बेड़ो से पुलिस ने जब्त किये 25.38 लाख रुपये

राजधानी रांची से सटे बेड़ो प्रखंड में 10 नवंबर 2016 को पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के 25.38 लाख रुपये जब्त हुए थे. दिनेश गोप के सहयोगियों के 42.79 लाख रुपये नकद और करीब 70 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति एनआईए ने जब्त कर ली थी. एनआईए की जांच में पता चला था कि दिनेश गोप ने पत्नियों और परिवार के अन्य सदस्यों के जरिये दो दर्जन से अधिक बैंकों में 2.5 करोड़ रुपये जमा कर रखे हैं.

नोटबंदी के बाद पेट्रोल पंप संचालक समेत 4 गिरफ्तार

बता दें कि नोटबंदी के ठीक बाद 10 नवंबर 2016 को रांची पुलिस ने एक पेट्रोल पंप संचालक समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया था. एनआईए ने 19 जनवरी 2018 को इस केस को टेकओवर किया. एनआईए ने दिनेश गोप के सहयोगी सुमंत कुमार और अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की, तो उसे 90 लाख रुपये कैश और निवेश संबंधी कई कागजात मिले. इसके बाद ही एनआईए ने उसकी दोनों पत्नियों को गिरफ्तार किया. मार्च 2020 में दिनेश गोप के खास सहयोगी जयप्रकाश सिंह भुइयां और अमित देशवाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया. पीएलएफआई के पैसे को कंपनियों में निवेश करने वाले गुजरात के एक व्यापारी की भी इस मामले में गिरफ्तारी हुई थी.

Also Read: झारखंड : ढीली पड़ी पुलिस, साल भर में 441 नक्सली और उग्रवादी हो गये रिहा
दिनेश गोप का लंबा है आपराधिक इतिहास

पीएलएफआई सुप्रीमो और झारखंड पुलिस के मोस्ट वांटेड नक्सली दिनेश गोप का लंबा आपराधिक इतिहास है. उस पर दर्जनों हत्या के आरोप हैं. कहते हैं कि आधा दर्जन से अधिक बार इस खूंखार नक्सली को पुलिस एवं सुरक्षा बलों ने घेरा. दिनेश गोप के दस्ते के साथ जब भी सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हुई, पीएलएफआई सुप्रीमो जवानों को चकमा देकर भाग निकला. झारखंड पुलिस के अलावा बिहार पुलिस भी उसकी तलाश कर रही थी.

Also Read: झारखंड पुलिस ने गिनायी उपलब्धि, DGP नीरज सिन्हा बोले- 3 साल में 51 नक्सली मारे गये, 1500 से अधिक गिरफ्तार

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें