Bihar Election 2020 Date, Jharkhand Mukti Morcha: रांची/जमुई (पंकज कुमार सिंह) : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के तीन चरणों चरणों में संपन्न होने वाले चुनावों के पहले चरण में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के तीन उम्मीदवार मैदान में हैं. गिरिडीह जिला से सटे जमुई के चकाई विधानसभा सीट पर पहले चरण में बुधवार (28 अक्टूबर, 2020) को मतदान है. यहां से झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एलिजाबेथ सोरेन को अपना उम्मीदवार बनाया है.
शिबू सोरेन की पार्टी झामुमो की उम्मीदवार एलिजाबेथ सोरेन का मुकाबला जदयू के पूर्व दिग्गज नेता और निर्दलीय उम्मीदवार सुमित सिंह, नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रत्याशी संजय प्रकाश और लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की नेता सावित्री देवी से है. इतना ही नहीं, चिराग पासवान की लोक जनशख्ति पार्टी (लोजपा) ने भी यहां से अपना प्रत्याशी उतारा है.
सावित्री देवी राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदवार हैं, जो फाल्गुनी यादव की पत्नी हैं. फाल्गुनी यादव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर तीन बार विधानसभा पहुंचे थे. उनके निधन के बाद लालू यादव की पार्टी राजद ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया और सहानुभूति वोट लेकर सावित्री देवी विधायक बनीं. बिहार के कृषि मंत्री रहे नरेंद्र सिंह के बेटे सुमित सिंह जदयू के नेता थे. पार्टी ने टिकट नहीं दिया, तो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
सुमित सिंह को भी दिग्गज उम्मीदवारों में शुमार किया जा रहा है. संजय मंडल के बारे में कहा जा रहा है कि वह जदयू का समीकरण बिगाड़ने की क्षमता रखते हैं. वहीं, विधान परिषद के सदस्य संजय प्रकाश राजद छोड़कर जदयू में शामिल हुए हैं और सत्ताधारी दल ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. हाल ही में संजय प्रकाश 5 एमएलसी के साथ जदयू में शामिल हुए हैं. भूमिहार जाति के संजय प्रकाश से जदयू को काफी उम्मीदें हैं.
लालू प्रसाद यादव और उनकी पार्टी राजद की ‘मक्कारी’ से नाराज होकर अकेले बिहार में चुनाव लड़ रही शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो ने एलिजाबेथ सोरेन को अपना उम्मीदवार बनाया है. झामुमो यहां अकेले चुनाव लड़ रहा है. झामुमो को उम्मीद है कि यादव, पासवान, आदिवासी और मुस्लिम बहुल चकाई विधानसभा सीट पर वोटों का बंटवारा होगा, तो अनुसूचित जनजाति के वोटों से उसकी उम्मीदवार जीत सकती है.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि घोर नक्सल प्रभावित एवं पिछड़े क्षेत्रों में शुमार चकाई विधानसभा सीट पर पृथ्वीराज हेम्ब्रम उर्फ पौलुस हेम्ब्रम ने वर्ष 2010 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और 18,000 वोट हासिल किये, नक्सली गतिविधियों में लिप्त रहने वाले पौलुस हेम्ब्रम को चुनाव से कुछ ही दिन पहले गिरफ्तार कर लिया गया. कहते हैं कि यदि पौलुस की गिरफ्तारी नहीं हुई होती, तो शायद यह नक्सली जीत जाता.
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झामुमो ने इस बार जिस एलिजाबेथ सोरेन को अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया है, वह उसी पृथ्वीराज हेम्ब्रम उर्फ पौसुल हेम्ब्रम की भाभी हैं. एलिजाबेथ और उनके समर्थकों का मानना है कि गिरफ्तार कर लिये जाने की वजह से पृथ्वीराज बहुत कम मतों के अंतर से हार गये थे, लेकिन इस बार वैसा नहीं होगा. जिस तरह पृथ्वीराज ने चुनाव में प्रदर्शन किया था, उसको देखते हुए इस बार एलिजाबेथ को टिकट दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि इस बार बिहार विधानसभा के चुनाव तीन चरणों में संपन्न कराये जा रहे हैं. पहले चरण का मतदान बुधवार (28 अक्टूबर, 2020) को होने जा रहा है. दूसरे चरण का वोट 3 नवंबर को कराया जायेगा, जबकि तीसरे चरण के लिए 7 नवंबर, 2020 को मतदान होंगे. पहले चरण में 71, दूसरे चरण में 94 और तीसरे एवं अंतिम चरण में 78 सीटों पर मतदान कराये जायेंगे. मतगणना 10 नवंबर को होगी और उसी दिन परिणाम आ जाने की उम्मीद है.
Posted By : Mithilesh Jha