Jharkhand News, रांची न्यूज (राणा प्रताप) : झारखंड उच्च न्यायालय में रिम्स की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पर स्वत: संज्ञान लिए गए मामले पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति डॉ रवि रंजन एवं न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने रांची के सिविल सर्जन की गलत बयानी पर नाराजगी जताई और मौखिक टिप्पणी करते हुए सख्त हिदायत दी कि अदालत के समक्ष भूल से भी गलत बयानी न करें, यह अपराध की श्रेणी में आता है. सुनवाई के दौरान राज्य के स्वास्थ्य सचिव, रिम्स निदेशक भी वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से उपस्थित रहे.
झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि रिम्स का शपथ पत्र सही है या सिविल सर्जन का. अदालत में सही तथ्य रखें अन्यथा हाईकोर्ट सीबीआई जांच करा सकती है. इस मामले में खंडपीठ के द्वारा पूर्व में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की प्रगति के संदर्भ में शपथपत्र के माध्यम से बताने का निर्देश दिया गया है. इस मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए मंगलवार 13 अप्रैल का समय निर्धारित किया गया है.
शवों के अंतिम संस्कार में लंबे इंतजार को लेकर व विद्युत शवदाह गृह में खराबी को लेकर रांची के उपायुक्त, रांची नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त सहित अन्य सक्षम अधिकारियों को भी कल सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है.
झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रांची समेत राज्य के अन्य अस्पतालों में कोविड पेशेंट के लिए बेड की जानकारी उपलब्ध कराने की व्यवस्था किए जाने वाली जनहित याचिका के सभी पक्षों को सुनने के बाद राज्य के स्वास्थ्य सचिव के सकारात्मक ज़बाब से संतुष्ट हो कर याचिका निष्पादित कर दी.
Posted By : Guru Swarup Mishra