रांची : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र सरकार के द्वारा जन-धन महिला खाताधारकों को तीन माह तक 500 रुपये प्रति माह देने की योजना शुक्रवार (3 अप्रैल, 2020) से शुरू हो जायेगी. खाताधारक अपने खातों से शुक्रवार से ही धन की निकासी भी कर सकेंगी.
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना के तहत महिला जनधन खाताधारकों को अगले तीन महीने तक 500 रुपये हर महीने दिये जायेंगे, ताकि उन्हें आवश्यक वस्तुओं को खरीदने और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने में परेशानी का सामना न करना पड़े. इस योजना का लाभ झारखंड राज्य के सभी जन-धन महिला खाताधारक महिलाओं को मिलेगा.
कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए तथा प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) महिला खाताधारकों के पैसे की सुगम निकासी तथा सामाजिक दूरी बनाये रखने के वास्ते सभी खाताधारियों के लिए खाता संख्या के अंतिम अंक के आधार पर दिनों का निर्धारण किया गया है.
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन की वजह से लोगों का रोजगार भी चौपट हो गया है. दैनिक मजदूरी करने वालों के लिए यह बेहद मुश्किल घड़ी है. उनकी कमाई बंद हो गयी है और वे कहीं अन्यत्र जा भी नहीं सकते. इसलिए सरकार ने उनकी स्थिति को देखते हुए जनधन खाताधारकों के खाते में कुछ पैसे डालने की योजना शुरू की है, ताकि मुश्किल की इस घड़ी में उन्हें कुछ सहूलियत मिल सके.
जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया है. इस दौरान लोगों से कहा गया है कि वे जहां हैं, वहीं रहें. कोरोना वायरसे संक्रमित लोगों से बचें, क्योंकि यदि उनके संपर्क में कोई दूसरा व्यक्ति आता है, तो वह भी इस घातक विषाणु की चपेट में आ जायेगा.
अब तक इस बीमारी का इलाज नहीं मिल पाया है. इसका टीका भी दुनिया के किसी देश में अब तक उपलब्ध नहीं है. इसलिए इस बीमारी से पीड़ित लोगों से दूरी बनाये रखना ही इस विषाणु से बचने का एकमात्र उपाय है. हालांकि, अपने घर से दूर मुश्किलों में फंसे सरकार के इन आदेशों की अवहेलना करके काफी संख्या में लोग एक राज्य से दूसरे राज्य में आ-जा रहे हैं.
ऐसे लोगों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से उनका रोजगार चौपट हो गया है. खाने के लाले पड़ रहे हैं. मकान का किराया कहां से देंगे. इन तमाम मुश्किलों को देखते हुए वे अपने गांव-घर जा रहे हैं, ताकि परेशानी के इस वक्त में वे अपने परिवार के पास रह सकें. भूखों मरने से अच्छा है कि अपने परिवार के साथ बीमारी से मरें.