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World Bamboo Day 2022: जंगल बचाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए बांस के उत्पादन पर दें जोर

World Bamboo Day 2022: बांस में कार्बन सोखने की क्षमता है. अपने कई गुणों की वजह से बांस मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार लाता है. सॉयल इरोजन (Soil Erosion) को रोकता है. बंजर हो रही भूमि के सुधार में बांस अहम भूमिका निभाता है. बहुत कम समय में बांस बंजर हो रही भूमि को उत्पादक बनाते हैं.

World Bamboo Day 2022: दुनिया भर में 18 सितंबर को विश्व बांस दिवस (September 18 is World Bamboo Day) मनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों को बचाना है. जंगलों को कटने से बचाना है. बांस का इस्तेमाल बढ़ेगा, तो जंगल की कटाई रुकेगी और इससे पर्यावरण का संरक्षण होगा. यही वजह है कि बांस का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. झारखंड में भी बंबू ट्रीटमेंट प्लांट (Bamboo Treatment Plant) बनाये गये हैं, जहां बांस को न केवल घुन लगने से बचाने के लायक बनाया जाता है, बल्कि प्रोसेसिंग के बाद उसकी उम्र भी बढ़ जाती है.

बांस से बन रही दैनिक इस्तेमाल की चीजें

बांस की खेती में बहुत ज्यादा खर्च नहीं आता. इसके रख-रखाव के लिए बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती, इसलिए इसके उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है. भारत में पूर्वोत्तर के राज्यों के साथ-साथ झारखंड में भी बांस से बने उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है. इससे दैनिक इस्तेमाल की चीजें बनायी जा रही हैं. उसे दुनिया के अलग-अलग देशों में भेजा जा रहा है. इसे काफी पसंद भी किया जा रहा है.

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झारखंड से 19 देशों में होता है बांस के उत्पादों का निर्यात

सिर्फ झारखंड से 19 देशों में बांस के उत्पाद का निर्यात किया जाता है. इससे बांस के किसानों की कमाई तो होती ही है, गांवों में बांस के उत्पाद बनाने वाले कारीगरों की भी अच्छी-खासी कमाई हो जाती है. देश में विदेशी मुद्रा आती है, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है. सरकार गैर-सरकारी संस्थाओं (एनजीओ) की मदद से बांस के उत्पादों को बढ़ावा दे रही है. इसका लाभ बांस के किसानों और कारीगरों के साथ-साथ इस उद्योग से जुड़ी कंपनियों को भी हो रहा है.

कई तरह से होता है बांस का इस्तेमाल

बांस का इस्तेमाल कई तरीके से किया जाता है. आमतौर पर निर्माण कार्य में इसका इस्तेमाल होता है. फर्श के निर्माण, छत की डिजाइनिंग और मचान बनाने में बांस का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा फर्नीचर बनाने और ईंधन के रूप में भी बांस काम आता है. बांस की करील को लोग खाते हैं. बांस का इस्तेमाल कपड़ा बनाने में, कागज निर्माण में, लुग्दी बनाने में, कोयला के रूप में होता है. बांस की मदद से सजावटी बगान भी तैयार किये जाते हैं.

बंजर हो रही भूमि को उत्पादक बनाते हैं बांस

बांस में भारी मात्रा में कार्बन सोखने की भी क्षमता है. अपने कई गुणों की वजह से बांस मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार लाता है. सॉयल इरोजन (मिट्टी के कटाव) को रोकता है. बंजर हो रही भूमि के सुधार में बांस अहम भूमिका निभाता है. बहुत कम समय में बांस बंजर हो रही भूमि को उत्पादक बनाते हैं.

बांस से जुड़े हैशटैग

इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई हैशटैग चल रहे हैं. इसमें बांस बढ़ रहा है (#BambooisGrowing), बांस लगायें (#PlantBamboo), बांस को मजबूती दें (#KeepBambooStrong) और अपने ग्रह में करें निवेश (#InvestinourPlanet) प्रमुख हैं.

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