World Down Syndrome Day: वर्ल्ड डाउन सिंड्रोम डे 21 मार्च को मनायेगा जायेगा. इसका उद्देश्य बच्चों की जन्मजात बीमारी डाउन सिंड्रोम के प्रति लोगों को जागरूक करना है. प्रभात खबर और दीपशिखा संस्था मिलकर डाउन सिंड्रोम और ऑटिज्म के प्रति समाज को जागरूक करेंगे. इसके तहत स्लोगन और पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन होगा. साथ ही लोगों को इस बीमारी से पीड़ित बच्चों की देखरेख की जानकारी दी जायेगी. वहीं, बच्चों को बेहतर माहौल और अवसर देकर भविष्य के लिए तैयार किया जायेगा.
डॉक्टरों की मानें, तो जन्म लेनेवाले प्रति 1000 बच्चों में से एक बच्चे में डाउन सिंड्रोम की समस्या आती है. इससे बच्चे का मानसिक विकास रुक जाता है. ऐसे बच्चे की नाक सामान्य रूप से चपटी, झुकी हुई आंखें, छोटी गर्दन व छोटे कान, मुंह से बाहर निकलती रहने वाली जीभ, चौड़े हाथ, अपेक्षाकृत छोटी अंगुलियां व छोटे हाथ-पैर और कद छोटा हो जाता है. वहीं, कई बच्चों के कान में संक्रमण, सुनने में कमी, आंखों में कमजोरी, दिल में विकृति, थायराॅइड, एनीमिया, आंतों में अवरोध, मोटापा आदि की शिकायतें सामने आती हैं.
दीपशिखा की कार्यकारी निदेशक सुधा लहिला ने बताया कि डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों की बेहतर देखभाल और प्रशिक्षण दिया जाये तो ऐसे बच्चे भी सामान्य जीवन जी सकते हैं. दीपशिखा में वर्तमान में 14 बच्चे हैं, जो इस बीमारी से पीड़ित हैं. संस्था की छात्रा हर्षा ने सामान्य जीवन जीते हुए एनआइओएस से 10वीं की पढ़ाई पूरी की है. वहीं, मेधा दीपशिखा संस्था में डाटा इंट्री का काम कर रही हैं.
डाउन सिंड्रोम और ऑटिज्म के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने को लेकर शहर के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यक्रम होंगे. 21 मार्च को राजकीय मध्य विद्यालय पुंदाग में सुबह 10:30 बजे से स्लोगन व पोस्टर प्रतियोगिता होगी. वहीं, 22 मार्च को उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय बरियातू, 23 मार्च को बालिका शिक्षा भवन, 25 मार्च को राजकीय बालिका उवि बरियातू, 29 मार्च को आदर्श विद्यालय खूंटी, एक अप्रैल को राजकीय मध्यम विद्यालय मुर्हू, 10 अप्रैल को एसएस प्लस टू उवि रामगढ़ और 11 अप्रैल को गांधी मेमोरियल प्लस टू उवि रामगढ़ में प्रतियोगिता होगी.