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World Pulses Day 2021 : देश को चने के रूप में प्रोटीन सप्लाई कर रहा है झारखंड, हर साल प्रोडक्शन में बना रहा नया रिकॉर्ड

World Pulses Day 2021, Jharkhand News, Ranchi News, रांची : झारखंड में हर साल दाल की उपज बढ़ रही है. खासकर राज्य में चने की खेती सबसे अधिक होती है. चने में आयरन और प्रोटीन की मात्रा काफी मौजूद होती है. इससे शरीर को जल्द एनर्जी भी मिलता है. भुने चनों में भी आयरन और प्रोटीन पाये जाते हैं. यही कारण है कि राज्य के किसान दलहन पैदावार में चने को प्रमुखता दे रहे हैं.

World Pulses Day 2021, Jharkhand News, Ranchi News, रांची : दाल प्रोटीन के सबसे अच्छे स्त्रोतों में से एक है. पहले लोग दाल- रोटी को गरीबों का भोजन मानते थे. लेकिन, आज यही दाल गरीबों की पहुंच से दूर हो गया है. अब दाल- रोटी भी मुश्किल से मिल पाता है. वैसे तो झारखंड मुख्य रूप से धान उत्पादक राज्य के रूप में जाना जाता है, लेकिन यहां दलहन की उत्पादकता राष्ट्रीय औसत से अधिक है. यही कारण है कि झारखंड को एक बार दलहन उत्पादन में उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार (एक करोड़ रुपये) प्राप्त कर चुका है.

झारखंड में हर साल दाल की उपज बढ़ रही है. खासकर राज्य में चने की खेती सबसे अधिक होती है. चने में आयरन और प्रोटीन की मात्रा काफी मौजूद होती है. इससे शरीर को जल्द एनर्जी भी मिलता है. भुने चनों में भी आयरन और प्रोटीन पाये जाते हैं. यही कारण है कि राज्य के किसान दलहन पैदावार में चने को प्रमुखता दे रहे हैं.

झारखंड के किसान दलहन की ओर अधिक ध्यान देने लगे हैं. अगर आंकड़ों पर गौर करें, तो वित्तीय वर्ष 2014- 2015 में 5.94 लाख हेक्टेयर में दलहन की खेती होती थी. यह बढ़कर करीब पौने आठ लाख हो गयी है. उत्पादन भी 5.97 लाख टन से बढ़कर करीब 8 लाख टन के आसपास हो गया है. यहां दलहन की उत्पादकता प्रति हेक्टेयर वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1016 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है, जबकि राष्ट्रीय उत्पादकता 779 किलो प्रति हेक्टेयर है.

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झारखंड में दलहन उत्पादन की स्थिति

वर्ष : एरिया (लाख हेक्टेयर) : उत्पादन (लाख टन): उत्पादकता (किलोग्राम प्रति हेक्टेयर)
2014-15 : 5.94 : 5.97 : 1004
2015-16 : 553.49 : 495.13 : 895
2016-17 : 8.04 : 8.43 : 1049
2017-18 : 7.93 : 8.71 : 1099
2018-19 : 7.42 : 7.35 : 990
2019-20 : 7.45 : 7.56 : 1016

बता दें कि विश्व दलहन दिवस वर्ष 2019 से हर साल 10 फरवरी को मनाया जाता है. इसके तहत भोजन के रूप में दलहन (चना, सूखी बींस, दाल, सूखी मटर, लूपिन और अन्य) के महत्व को पहचानने के लिए मनाया जाता है. मालूम हो कि दालों में पोषक तत्व काफी मात्रा में पाये जाते हैं. इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है.

Posted By : Samir Ranjan.

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