रांची: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा है कि भारतीय संविधान में मजबूत प्रावधान, अनुकूल व्यवस्था और सटीक प्रयोजन के कारण ही भारत में आदिवासी सुरक्षित और संरक्षित हैं. श्री पांडेय ने कहा कि कांग्रेस का दृष्टिकोण हमेशा से सकारात्मक और आदिवासियों के हित में रहा है और यही कारण है कि कांग्रेस की चाहे कोई भी सरकार रही हो, लेकिन वह जनजातीय मुद्दों और आदिवासियों के मामले पर संवेदनशीलता का परिचय देते हुए वैसे निर्णय लेती थी जो आदिवासियों के साथ ही जल, जंगल, जमीन और प्रकृति के अनुकूल हो. झारखंड की राजधानी रांची के बनहोरा जतरा मैदान में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित आदिवासी गौरव महासभा में वे बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
आदिवासियों का शोषण हो बंद
श्री पांडेय ने कहा कि आदिवासियों का शोषण हर हाल में बंद होना चाहिये और उन्हें अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी और अभाव के बीच से निकालकर उनके विकास पर ध्यान दिया जाना चाहिये. उन्होंने दोहराया कि आदिवासी हमेशा से वैसे विकास के समर्थक रहे हैं जिससे प्रकृति का अहित नहीं हो और वह विकास विनाशकारी ना हो.
मणिपुर मामले में बीजेपी का चेहरा आया सामने
झारखंड की राजधानी रांची के बनहोरा जतरा मैदान में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित आदिवासी गौरव महासभा में मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में श्री पांडेय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, एनडीए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा मणिपुर मामले में तब सामने आ गया जब वे संसद में कुछ भी कहने से बचते रहे और इस मामले पर केवल 36 सेकेंड का एक वक्तव्य संसद के बाहर दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा हर प्रदेश में आपसी विवाद बढ़ाकर, आपसी सौहार्द को नुकसान पहुंचाना चाहती है ताकि उसे चुनाव में लाभ हो, लेकिन कांग्रेस चुनावी चश्मे से देश को नहीं देखती. श्री पांडेय ने कहा भाजपा द्वारा चुनाव प्रणाली में धांधली, झूठे वादे करने, गलत प्रचार और देश के अलग-अलग राज्यों में अपनी चाल चलकर निर्वाचित विपक्ष की सरकारों के स्थान पर अपनी सरकार बनाने की घटनाओं को देश देख रहा है.
बीजेपी को है वोट की चिंता
आदिवासी गौरव महासभा में अपने संबोधन में कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि मणिपुर मामले से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा को देश के लोगों की बजाय अपने वोट बैंक की चिंता है और वह इसके लिए कोई भी साजिश रचने से बाज नहीं आती.
आदिवासियों की जमीन लूट व पलायन है बड़ी समस्या
झारखंड के पूर्व मंत्री, समन्वय समिति के सदस्य एवं कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि आदिवासियों की जमीन की लूट और उनका पलायन सबसे बड़ी समस्या है और इससे अधिकतर आदिवासी परिवार पीड़ित है. उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन से आदिवासियों का गहरा नाता है और यदि यह टूटेगा तो उन्हें इसका जिस तरह से नुकसान भुगतना पड़ेगा उसे बताया भी नहीं जा सकता. श्री तिर्की ने कहा कि आदिवासी खुशी से अपना सामान्य जीवन जीते हैं लेकिन अब वह किसी भी तरह के शोषण और उत्पीड़न को बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं हैं. श्री तिर्की ने कहा कि आदिवासियों के जीवन में गीत-संगीत और हर हाल में ख़ुश रहने की आदत अच्छी तरह घुली है और उसे इसी स्वरूप में रहने दिया जाये तो सभी के लिये बेहतर है. इस अवसर पर श्री तिर्की ने पेशा कानून लागू करने, पांचवीं अनुसूची के मामले में भी अपनी मांग रखी और केंद्र सरकार द्वारा वन अधिकार कानून में किये गये संशोधन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अब इस संशोधन के बाद ग्राम सभा के अधिकारों पर आघात हुआ है.
झारखंड प्रदेश के गठन का मार्ग ऐसे हुआ प्रशस्त
पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने समारोह में कहा कि झारखंड प्रदेश के गठन में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सोनिया गांधी की बहुत बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस की इच्छाशक्ति और रणनीति के कारण आदिवासियों के लिये अलग झारखंड प्रदेश के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ. वास्तव में सिर्फ वही पार्टी आदिवासियों का संरक्षण करते हुए उनका विकास कर सकती है.
केंद्र सरकार कर रही ईडी व सीबीआई का दुरुपयोग
समारोह में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय में ही आदिवासियों के हित में अनेक सकारात्मक काम हुए. श्री गुप्ता ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार का ध्यान केवल और केवल सभी को आपस में लड़ाने पर है और इसके साथ ही वह उन प्रदेशों में ईडी, सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है, जिन प्रदेशों में विपक्षी दलों की सरकार है. श्री गुप्ता ने चुनौती दी कि यदि केन्द्र सरकार ने हिम्मत है तो वह झारखंड में धारा 356 लागू करे और यहां राष्ट्रपति शासन लगा कर दिखाये.
पलायन रोकने की है जरूरत
झारखंड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि कांग्रेसी आदिवासियों की मनोभावना और उनकी समस्याओं को बढ़िया तरीके से जानती है और केवल वही उनकी सभ्यता-संस्कृति के संरक्षण के साथ उनका विकास कर सकती है. समारोह में बोलते हुए प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने कहा कि आज केवल और केवल रोजगार के लिये झारखंड में महिलाओं और लड़कियों को अपने घर से 20-25 किलोमीटर की दूरी तय कर कहीं किसी चौक चौराहे पर लंबे समय तक खड़ा रहना पड़ता है ताकि उन्हें काम मिले, लेकिन फिर भी रोजगार मिलने की गारंटी नहीं है. उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए पलायन को रोकना सबसे ज्यादा जरूरी है, लेकिन उसके साथ-साथ झारखंड के अंदर भी रोजगार प्रमुख मुद्दा है, जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिये. प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने कहा कि झारखंड की महिलाओं और लड़कियों को रोजगार के लिये बड़े-बड़े शहरों में पलायन करना पड़ता है और वहां उनका शोषण किया जाता है और यह देखना काफी दुखद है. उन्होंने कहा कि इसे रोका जाना चाहिये.
जमीन के बाद भी है गरीबी
महासभा में अपने संबोधन में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुखदेव भगत ने कहा कि आदिवासियों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या यही है कि उनके पास जमीन तो है लेकिन फिर भी वह अभावग्रस्त हैं. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को अपनी जमीन को गिरवी रखकर बैंक से ऋण लेने से मामले में सरकार को मार्ग प्रशस्त करना चाहिए ताकि वे अपने जीवन की विकट समस्याओं का समाधान कर सकें. कांग्रेस नेता अजय नाथ शाहदेव ने कहा कि आदिवासी हमेशा से प्रकृति का पुजारी रहा है और आदिवासियों की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि वह किसी भी स्थिति में हमेशा खुश रहता है. श्री शाहदेव ने कहा कि आज पूरी दुनिया में हैप्पीनेस इंडेक्स में नॉर्वे पहले स्थान पर है जबकि भारत का स्थान प्रारंभिक सौ के बाद है, लेकिन यदि वह अपने सर्वे में यहां के आदिवासियों को शामिल करता तो निश्चित रूप से भारत पहले स्थान पर होता. श्री शाहदेव ने कहा कि आदिवासियों की समस्याओं का समाधान पूरे झारखंड की जिम्मेदारी है और सभी को इस चुनौती का मुकाबला डटकर करना चाहिए. समारोह का संचालन अमूल्य नीरज खलखो ने किया.