उद्योग विभाग इस वर्ष नयी नीतियों को तैयार करने के लिए जाना जायेगा. विभाग द्वारा हालांकि ट्रेड फेयर और अन्य जगहों में निवेशकों के लिए कई मेला और सेमिनार का आयोजन किया गया. कई जगहों पर निवेशकों ने झारखंड में रुचि दिखायी है. उद्योग विभाग ने वर्ष 2022 में इलेक्ट्रिक्ल व्हीकल पॉलिसी, इथेनॉल पॉलिसी और फार्मा पॉलिसी से लेकर इंडस्ट्रियल पार्क एंड लॉजिस्टिक पॉलिसी को तैयार कर इसे लागू किया. साथ ही टेक्सटाइल पॉलिसी को एक वर्ष का अवधि विस्तार भी दिया गया है.
सरकार की औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक पार्क नीति 2022 में झारखंड में औद्योगिक व लॉजिस्टिक पार्क बनाने पर सात से 40 करोड़ रुपये तक का अनुदान देने का प्रावधान किया गया है. वहीं इवी पॉलिसी में अब नयी बैटरी चालित (इवी) कार खरीदने पर राज्य सरकार 1.50 लाख रुपये तक का अनुदान देगी.
इवी स्कूटी या दोपहिया खरीदने पर 10 हजार रुपये, ऑटो खरीदने पर 30 हजार व इ-बस खरीदने पर 20 लाख रुपये तक का अनुदान देगी. झारखंड को 2030 तक इवी संचालित राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इधर, इथेनॉल पॉलिसी में सरकार ने कई छूटों का प्रावधान किया है. जिसमें स्टांप ड्यूटी शुल्क शत-प्रतिशत वापस करने का प्रावधान है. इथेनॉल के उत्पादन पर भी सब्सिडी का प्रावधान किया गया है.
कारोबार सुगमता रैंकिंग (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) के व्यापार सुधार कार्ययोजना (बीआरपी) -2020 को लागू करने के मामले में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रैंकिंग में झारखंड शामिल नहीं हो सका. वहीं झारखंड सितंबर 2020 में जारी रैकिंग में देशभर में सातवें स्थान पर था. हालांकि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने इस बार रैंकिंग की प्रणाली में बदलाव किया है. इसे श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें सबसे सफल, सफल, आकांक्षी और उभरते कारोबारी परिवेश शामिल हैं. इससे पहले तक रैंक घोषित की जाती थी. झारखंड आकांक्षी सात राज्यों की श्रेणी में शामिल है.
उद्योग विभाग के अधीन झारखंड इंडस्ट्रीज इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन द्वारा रांची के धुर्वा क्षेत्र स्थित कोर कैपिटल में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का 29 जुलाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिलान्यास किया था. जिसकी लागत 44 करोड़ 22 लाख 52 हजार 415 रुपये है. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में निर्यात से संबंधित सारे कार्य एक ही छत के नीचे कराने की योजना है. लेकिन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार को राशि देनी थी. केंद्र ने यह कहकर राशि देने से इनकार कर दिया कि योजना देर से शुरू की गयी है. हालांकि अब राज्य सरकार ने इसे अपनी निधि से बनाने का फैसला किया है.
निर्यात नीति की घोषणा
फार्मा पॉलिसी की घोषणा
फूड एवं फीड पॉलिसी
कुल बजट: उद्योग-300 करोड़
कुल खर्च: 108.79 (30 नवंबर तक)
प्रतिशत : 36.26