( 20 फरवरी से 20 मार्च )
शुभ रंग : सफेद
शुभ दिन : रविवार
अमृतसिद्धि मंत्र : ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धनधान्या समृद्धि देहि दापय दापय स्वाहा ॥
शुभ अंक 02
मीन राशि के जातकों को अनेकों अच्छी सौगात मिलेगी. वर्ष की शुरुआत में ही 24 जनवरी को शनि का परिवर्तन आपकी राशि में यानी की कर्मभाव से आय के स्थान में हो रहा है. आय स्थान में शनि के जाने से धन की वर्षा होगी.
इस वर्ष आपकी राशि के स्वामी गुरु वृहस्पति 30 मार्च तक दशम भाव में उपस्थित रहेंगे और उसके बाद आपके ग्यारहवें भाव में मकर राशि में गोचर करेंगे. यह अविवाहित के लिए विवाह का योग बना रहा है. प्रेम-प्रसंगों का ग्रह शुक्र लाभ स्थान में विराजमान है, जो जीवन को प्रेममय बनाने का संकेत दे रहा है. 11 मई को शनि वक्री होंगे, जिसके पश्चात अचानक से धन का आगमन रुक सकता है. शारीरिक परेशानियां बढ़ सकती हैं. संतान और शिक्षा को लेकर भी सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि वक्री शनि की दृष्टि आपके संतान व शिक्षा के घर पर पड़ रही है.
14 मई को गुरु वक्री होने के बाद गुरु का शुभ प्रभाव मिलना शुरू हो जायेगा. दांपत्य जीवन का सुख भी मिलेगा. 30 जून को वक्री गुरु पुनः आपके दशम भाव में लौट जायेंगे, जिससे पिछले कुछ समय से रुके हुए कार्यों को बनाने में सहयोग करेगा. 30 जून तक का समय आपकी आमदनी में वृद्धि करेगा. पदोन्नति मिल सकती है. 13 सितंबर को गुरु मार्गी हो जायेंगे, जो भविष्य की योजनाएं तैयार करने में मदद करेंगे.
आप धार्मिक स्थलों की यात्रा भी करेंगे. सितंबर के बाद किसी प्रतियोगिता में सम्मानित किया जा सकता है. एक्टिंग, ड्रामा, फाइन आर्ट्स, क्रिएटिव वर्क, फोटोग्राफी, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, सिविल इंजीनियरिंग, लॉ, सोशल सर्विस एवं सर्विस प्रोवाइडर क्षेत्रों में रुचि रखने वालों के लिए नया साल शुभ रहेगा. भाग्य व्यापार में आगे बढ़ने में मदद करेगा. हालांकि इस दौरान विरोधियों से सावधान रहना होगा. वाहन हैं अथवा भवन निर्माण की इच्छा भी पूरी हो सकती है. 4 मई से 18 जून के बीच ख़र्चों में अधिकता रहेगी. आपके चतुर्थ भाव में मध्य सितंबर तक राहु की उपस्थिति रहेगी, जो आपको पूर्ण रूप से घर का सुख लेने से रोकने का प्रयास करेगी.
मध्य सितंबर के बाद राहु का गोचर तीसरे स्थान में होने से पारिवारिक जीवन में ख़ुशियां लौट आयेंगी. सेहत के मामले में आपको मिश्रित परिणाम मिलेंगे. गंभीर बीमारी की संभावना नहीं है. चूंकि वर्ष की शुरुआत में आपके चतुर्थ भाव पर पांच ग्रहों का प्रभाव रहेगा, जिससे पारिवारिक सदस्यों में विरोधाभास की स्थिति हो सकती है और आपके माता-पिता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है.
23 सितंबर को राहू आपके पराक्रम के स्थान पर वृषभ राशि में आ जायेंगे, जिससे पराक्रम में उन्नति के योग बनेंगे. यह हवाई यात्रा करवायेगा. इसके साथ ही भाग्य स्थान में केतु भी आ रहे हैं. इनके आने के बाद आप के अंदर आध्यात्म के प्रति रूचि बढ़ेगी. 20 नवंबर को गुरु आपके 11वें भाव में प्रवेश करेंगे. इसके बाद आपकी नयी योजनाएं सफल होनी शुरू हो जायेंगी.
उपाय
श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत्र का पाठ करें अथवा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. केले का पेड़ लगाएं. आत्मबल की वृद्धि होगी और हर कार्य को ऊर्जा से पूरा करेंगे.