वार्षिक मिथुन राशिफल : मिथुन राशि वाले जातक के लिए साल 2021 थोड़ा कष्टदायक रहेगा. वर्षारंभ में लग्नेश बुध सप्तम भाव में सूर्य के साथ केंद्र में विराजमान रहेंगे. वर्ष कुंडली के अनुसार, मिथुन राशि की कुंडली में नये वर्ष में मेष राशि में मंगल लाभ भाव में, राहु व्यय स्थान में चंद्रमा द्वितीय स्थान में, अष्टम स्थान में गुरु एवं शनि भाग्य वृद्धि के संकेत को दे रहे हैं. आइए जानते है ज्योतिर्विद दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी जी बता रहे है कि मिथुन राशि वालों के लिए कैसा रहने वाला है साल 2021….
पारिवारिक जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव आपको स्थिरता प्रदान करने में सहायक होंगे. वर्ष के प्रथम तिमाही में परिवार के मध्य छोटी-छोटी बातों को लेकर अकारण वाद-विवाद, क्लेश का योग बन रहा है. घर में कोई धार्मिक अथवा मांगलिक कार्य का आयोजन होगा और इसके बाद धीर-धीरे सामान्य स्थिति बनेगी. माताजी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है, अतः उनकी सेहत का विशेष ध्यान रखें.
पिताजी का स्वास्थ्य सामान्य रहेगा. अप्रैल के बाद लग्न में राहु तथा सप्तम भाव में केतु के गोचर होने से खुद के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. मिथुन राशिफल 2021 के अनुसार, इस वर्ष कर्मेश गुरु की दृष्टि धन और व्यय स्थान पर है, अतः धन हानि होने पर धैर्य बनाये रखें. आगे आपको धन इकट्ठा करने का भी मौका मिलेगा, परंतु अपव्यय भी होगा. कंपनी या किसी संस्था से आपको आर्थिक लाभ मिल सकता है. साल के पहले तीन-चार महीनों में आप आर्थिक रूप से मजबूत होंगे. समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा. इसके अतिरिक्त साल के अंत में साझेदारी में किये गये कार्य से लाभ मिल सकता है.
साल 2021 में आपके व्यवसाय में आशातीत वृद्धि होगी, परंतु कार्य में ढिलाई से विपरीत परिणाम मिलेंगे. कड़ी मेहनत ही सफलता के उच्च शिखर पर लेकर जायेगा. यदि आप नौकरी कर रहे हैं, तो प्रोन्नति का अवसर भी मिल सकता है. यदि चाहें तो इस वर्ष आप नौकरी बदल भी सकते हैं. काम को लेकर विदेश यात्रा हो सकती है. वर्ष का अंतिम चार महीना करियर के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण होगा.
वर्ष 2021 में आपके दाम्पत्य भाव का स्वामी गुरु अष्टम भाव में बैठे हैं, जो संबंधों में कड़वाहट देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. नवंबर में बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें. बच्चों की तरक्की के लिहाज से यह वर्ष बेहतर नज़र आ रहा है. शिक्षा में उनका प्रदर्शन सराहनीय रहेगा. यह वर्ष आपके प्रेम जीवन के लिए विशेष रूप से यादगार रहने वाला है.
यदि जन्मकुंडली में अशुभ ग्रह की दशा चल रही है, तो संभल जाएं. आपके अंदर धोखा देने की प्रवृति बढ़ेगी और समाज के विपरीत यौन सुख पाने के लिए कोई गलत फैसला ले सकते हैं, जो आपको नुकसान पहुंचा सकता है. इस कारण आपस में मनमुटाव, क्लेश, अशांति हो सकती है. अतः रिश्तों में ईमानदार बने रहें और आनंद का जीवन व्यतीत करें.
उपाय : आप श्रीमारूति कवच और पन्द्रहियां यंत्र को धारण करें या फिर अपने पास रखें तथा शनिवार के दिन सरसों के तेल का दान भी करें.
अमृतसिद्धि मंत्र : सर्वमंगल मांगल्य शिवेसर्वार्थसाधिके शरण्यं त्र्यंबके गौरी नारायणी नमस्तुते.
शुभ रंग : हरा
शुभ अंक : 3
शुभ दिन : शुक्रवार