जानें 21 दिसंबर 2023 का राशिफल
मेष- यदि आप घर पर रहकर ऑनलाइन काम करते हैं तो आज के दिन थोड़ा संभल कर काम करे क्योंकि किसी के द्वारा आपसे ऑनलाइन धोखाधड़ी की जा सकती हैं जिसका पता आपको बाद में चल पाएगा.आय में अधिक व्यय से मनोबल कमजोर पड़ सकता है. यात्रा मनोरंजक रहेगी. रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे. कार्य, व्यवसाय के क्षेत्र में विभिन्न बाधाओं से मन अशांत रहेगा.
शुभ रंग: नीला
शुभ अंक: 4
वृष- यदि आप घर पर रहकर ऑनलाइन काम करते हैं तो आज के दिन थोड़ा संभल कर काम करे क्योंकि किसी के द्वारा आपसे ऑनलाइन धोखाधड़ी की जा सकती हैं जिसका पता आपको बाद में चल पाएगा.यात्रा, नौकरी व निवेश लाभदायक रहेंगे. व्यापार में कर्मचारियों पर अधिक विश्वास न करें. संपत्ति के कार्य लाभ देंगे. शत्रु परास्त होंगे. बेरोजगारी दूर होगी.
शुभ रंग: नीला
शुभ अंक: 4
मिथुन:- कॉलेज में पढ़ रहे विद्यार्थी संगीत या कला के क्षेत्र में रुचि लेंगे तथा उनका ध्यान अपना सर्वश्रेष्ठ देने में होगा. प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को अपने लिए किसी उचित व्यक्ति से मार्गदर्शन मिल सकता हैं जो उनके जीवन को एक नयी दिशा देगा. व्यवसाय ठीक चलेगा. चिंता रहेगी. प्रमाद न करें.
शुभ रंग: केसरी
शुभ अंक: 1
कर्क:- यदि आपका अपने जीवनसाथी के साथ किसी बात को लेकर मन-मुटाव चल रहा हैं तो वह आज के दिन और बढ़ जायेगा व आप दोनों के बीच ईर्ष्या की भावना आएगी. आप अपने साथी की किसी बात को लेकर नाराज़ रह सकते हैं, ऐसे में दूरियां और बढ़ जाएगी. यदि आप धैर्य से काम लेंगे तो स्थिति बेहतर हो सकती है.
शुभ रंग: स्लेटी
शुभ अंक: 7
ज्योतिषाचार्य नितेश निरंजन
जिनका बृहस्पति कमजोर हो उन्हें गुरुवार का व्रत रखना चाहिए. इस दिन गुरुवार के दिन कुछ खास मंत्रों का जाप करना बहुत लाभकारी माना गया है. इससे बृहस्पति शांत होता है और व्यक्ति के सारे बिगड़े काम बन जाते हैं. आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में.
बृहस्पति शांति ग्रह मंत्र
देवानाम च ऋषिणाम च गुरुं कांचन सन्निभम।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
ॐ बृं बृहस्पतये नमः।।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।
ॐ ह्रीं नमः।
ॐ ह्रां आं क्षंयों सः ।।
बृहस्पति मंत्र
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।
ॐ बृं बृहस्पतये नमः।
ध्यान मंत्र
रत्नाष्टापद वस्त्र राशिममलं दक्षात्किरनतं करादासीनं,
विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्।
पीतालेपन पुष्प वस्त्र मखिलालंकारं सम्भूषितम्,
विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्।।
बृहस्पति विनियोगा मंत्र
ॐ अस्य बृहस्पति नम:
ॐ अनुष्टुप छन्दसे नम:
ॐ सुराचार्यो देवतायै नम:
ॐ बृं बीजाय नम:
ॐ शक्तये नम:
ॐ विनियोगाय नम:
ऊं अंशगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात्।
गुरु का वैदिक मंत्र
ओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।