Budh Vakri In Scorpio: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ग्रह एक निश्चित अंतराल पर वक्री और मार्गी होते है, जिसका असर मावन जीवन सहित सभी छोटे- बड़े जीव-जंतुओं पर पड़ता हैं. इसके साथ ही यह परिवर्तन किसी के लिए शुभ तो किसी के लिए अशुभ होता है. बुध ग्रह 28 दिसंबर को वक्री अवस्था में वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. ऐसे में बुध ग्रह के वक्री होने का प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर पड़ेगा. ऐसे में बुध देव के वक्री होने का असर सभी राशियों के लोगों पर पड़ेगा लेकिन 5 राशियां ऐसी है, जिनको 2024 की शुरुआत में हर कार्य में सफलता मिल सकती है. आपके जीवन में कई तरह के बदलाव सहित आपके कारोबार और करियर में सफलता मिल सकती है. आइए जानते है कि वह कौन-कौन सी राशियां हैं…
मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके आठवें भाव में होने जा रहा है. कुंडली का यह भाव दीर्घायु, अचानक होने वाली घटनाएं, गोपनीयता, रहस्य विज्ञान और परिवर्तन के भाव को दर्शाता है. बुध का आठवें भाव में गोचर मेष राशि के जातकों के अनुकूल प्रतीत होता नहीं दिख रहा है. बुध के वक्री अवस्था में आठवें भाव में गोचर करना आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. आप त्वचा की समस्याओं या गले से संबंधित किसी बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं या अचानक होने वाली घटनाओं के कारण आप तनाव में आ सकते हैं.
वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके सातवें भाव में होने जा रहे है, इसलिए इस समय आपको संतान से संबंधित कोई शुभ समाचार मिलने का योग बनेगा. वहीं बुध की कृपा से धन लाभ और तरक्की होने की संभावना बनेगाी. आपके द्वारा किए जा रहे प्रयास भी पूरी तरह सफल होंगे. वहीं प्रेम जीवन जी रहे लोगों के जीवन में खुशहाली बनी रहेगी, आप अपने प्रेमिका को प्रसन्न रखने में सफलता हासिल करेंगे. प्रेम संबंध विवाह में तब्दील हो सकता है. वहीं इस दौरान आपके मान सम्मान में बढ़ोतरी होगी और आपको उच्च पद की भी प्राप्ति हो सकती है.
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध पहले और चौथे भाव के स्वामी हैं. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके आपके शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतिस्पर्धा और मामा के छठे भाव में होने जा रहा है. बुध का वक्री अवस्था में छठे भाव में गोचर करना आपके साथ-साथ आपकी माता के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा समय साबित न होने की आशंका है. बुध का गोचर आपके घरेलू उपकरणों में भी कुछ खराबी दे सकता है. इस दौरान आपको कोई बीमारी घेर सकती है या कोई पुरानी बीमारी फिर से पुनर्जीवित हो सकती है. बारहवें भाव पर वक्री बुध की दृष्टि आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है.
कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके पांचवें भाव में होने जा रहा है, जो कि शिक्षा, प्रेम संबंधों, बच्चों का प्रतिनिधित्व करता है और इसे पूर्व पुण्य भाव भी कहा जाता है. छात्रों को भी इस दौरान पढ़ाई में ध्यान लगाने में समस्या होगी. पढ़ाई से आपका मन भटक जाएगा. कर्क राशि की जो महिलाएं गर्भवती हैं, उन्हें इस अवधि में परेशानी का सामना करना पड़ेगा. वहीं जो लोग किसी रिलेशनशिप में हैं, उनके रिश्ते में गलतफहमी पैदा होने के आसार है.
सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके चौथे भाव भाव में हो रहा है. कुंडली के चौथे भाव माता, घरेलू जीवन, घर, वाहन और संपत्ति के स्थान है. बुध वह ग्रह है जो आपके वित्त को नियंत्रित करता है, इसलिए बुध का वक्री अवस्था में अनुकूल सिद्ध हो सकता है. क्योंकि एक तो आपकी राशि के स्वामी सूर्य से बुध का मित्रता का भाव है. बुध ग्रह आपकी राशि से चतुर्थ भाव पर वक्र होने जा रहे हैं, इसलिए इस समय आपको वाहन और प्रापर्टी का सुख प्राप्त हो सकता है. वहीं पैतृक संपत्ति का लाभ भी आपको मिलेगा.
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध दसवें और लग्न भाव के स्वामी हैं. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके तीसरे भाव में होने जा रहा है, जो कि भाई-बहनों, शौक, छोटी दूरी की यात्रा, संचार कौशल का प्रतिनिधित्व करता है. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके तीसरे भाव में होने जा रहा है, जो कि भाई-बहनों, शौक, छोटी दूरी की यात्रा, संचार कौशल का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इस समय आपको वाहन और प्रापर्टी का सुख मिल सकता है. इतना ही नहीं इस दौरान आपको नई नौकरी के अवसर भी प्राप्त हो सकते हैं.
तुला राशि के जातकों के लिए बुध बारहवें भाव और नौवें भाव के स्वामी हैं. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके परिवार, बचत और भाषण के दूसरे भाव में होने जा रहा है, इसी तरह इस दौरान आपको अपनी बातचीत पर भी नजर रखनी होगी. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर काल के दौरान आपको एक प्रोजेक्ट के लिए ढेर सारी समस्याओं और चुनौतियों के साथ कई यात्राएं करनी पड़ सकती है. हालांकि 2 जनवरी 2024 के बाद जब बुध मार्गी हो जाएंगे और आपकी हालतों में बदलाव देखने को मिलेंगे. वहीं इस समय आपकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिलेगा.
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह ग्यारहवें भाव और आठवें भाव के स्वामी हैं. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके लग्न में होने जा रहा है. बुध गोचर वृश्चिक राशि के जातकों के लिए अनुकूल प्रतीत नहीं हो रहा है, जो जातक राजनीतिक नेता, प्रेरक वक्ता या किसी मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं, उन्हें इस अवधि अधिक सावधान रहने जरूरत होगी. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपको कुछ स्वास्थ्य समस्याएं भी दे सकता है. आपके जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं में वृद्धि हो सकती है और धन की हानि का भी सामना आपको करना पड़ सकता है. हालांकि 2 जनवरी 2024 के बाद जब बुध मार्गी होंगे तब आपके हालात बेहतर होंगे और आप इन सभी समस्याओं से निजात पाएंगे.
धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके बारहवें भाव में होने जा रहा है और इस दौरान बुध वक्री अवस्था में रहेंगे. बुध का बारहवें भाव में गोचर व्यापार से जुड़े लोगों के लिए प्रतिकूल साबित हो सकता है. यदि आप बिज़नेस में किसी नई चीज़ की शुरुआत करना चाहते हैं या नया व्यापार शुरू करना चाहते हैं तो कुछ समय के लिए इस योजना को आगे के लिए टाल दें. जो जातक नौकरी पेशा हैं, उन्हें भी इस अवधि कार्यक्षेत्र में कई बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. सातवें भाव के स्वामी होने के कारण आपके वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव आ सकता है.
मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके ग्यारहवें भाव में होने जा रहा है, जो वित्तीय लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन और मामा के भाव को दर्शाता है. बुध ग्रह की उल्टी चाल आपके आर्थिक दृष्टिकोण से शुभ फलदायक साबित हो सकता है. क्योंकि बुध ग्रह आपकी कुंडली के इनकम भाव पर गोचर करने जा रहे हैं. इस अवधि आपको आर्थिक जीवन में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है. कुछ गलत फैसलों की वजह से आपको धन की हानि हो सकती है. ऐसे में, इस दौरान उद्यम से जुड़े किसी भी प्रकार के निर्णय लेने से बचें. गोचर काल के दौरान आप भौतिक चीज़ों के लिए या चिकित्सीय लागतों के लिए धन खर्च कर सकते हैं. हालांकि 02 जनवरी 2024 के बाद जब बुध मार्गी होंगे तो आपके हालातों में कई परिवर्तन देखने को मिलेंगे.
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके पेशे और कार्यस्थल के दसवें भाव में होने जा रहा है, यदि आपका खुद का व्यापार है तो आपको अपने कार्य में बार-बार रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है और यदि आप पार्टनरशिप में बिज़नेस कर रहे हैं तो साझेदारों के साथ गलतफहमी हो सकती है. इन समस्याओं से बचने के लिए आपको योजना बनाते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी. वहीं जो लोग रिसर्च के कार्यों से जुड़े हैं उन्हें भी इस दौरान बड़ी सावधानी से होकर चलने की आवश्यकता हो सकती है. 02 जनवरी 2024 के बाद जब बुध मार्गी अवस्था में आएंगे तो आपको कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे.
मीन राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और चौथे भाव के स्वामी हैं. बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपके नौवें भाव में होने जा रहा है. यह भाव धर्म, पिता, लंबी दूरी की यात्रा, तीर्थ यात्रा और भाग्य के भाव को दर्शाता है. बुध का वक्री होना आपके घरेलू और वैवाहिक जीवन के लिए कई सारी समस्याएं लेकर आ सकता है. आर्थिक जीवन के लिए भी यह अवधि अनुकूल न रहने की संभावना है. इस दौरान आपको अपनी माता और जीवनसाथी के स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. इस अवधि आपको अपनी वाणी पर भी नियंत्रण रखने की सलाह दी जाती है.
ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन की हर परेशानी दूर की जा सकती है. ये उपाय करियर, नौकरी, व्यापार, पारिवारिक कलह सहित कई अन्य कार्यों में भी सफलता दिलाते हैं. नीचे दिए गए विभिन्न समस्याओं के निवारण के लिए आप एक बार ज्योतिषीय सलाह जरूर ले सकते है. यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न radheshyam.kushwaha@prabhatkhabar.in या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.