Chandra Grahan 2022 Time Rashifal: 8 नवम्बर 2022, मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा है. कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान-दान का विशेष महत्व है. इसी दिन देव दीपावली भी मनायी जाती है. लेकिन इस साल कार्तिक पूर्णिमा पर साल का आखरी ओर सबसे बड़ा चन्द्रग्रहण भरणी नक्षत्र व मेष राशि में लग रहा है. यह ग्रहण एशिया, आस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, उत्तर पूर्व यूरोप के कुछ भाग तथा दक्षिणी अमेरिका के अधिकाशं भाग में दिखाई देगा. हालांकि धार्मिक दृष्टिकोण से इस चंद्र ग्रहण पर ग्रहों का बेहद अशुभ संयोग बन रहा है. जो विभिन्न राशियों के लोगों पर भारी पड़ सकता है. डिटेल्स आगे पढ़ें.
8 नवम्बर को चन्द्र ग्रहण के दिन ग्रहों का विनाशकारी संयोग हो रहा है. इस दिन तुला राशि में सूर्य, बुध, शुक्र, केतु की युति, मेष राशि में चन्द्रमा, राहु की युति, नवम स्थान में सेनापति मंगल मिथुन में वक्री, गुरू छठे स्थान में मीन में वक्री, शनि चौथे स्थान में मकर राशि में मार्गी हैं. ग्रहों की ऐसा संयोग बहुत ही विनाशकारी योग है. जानें 8 नवंबर का चंद्र ग्रहण किन राशि वालों के लिए रहेगा भारी.
मेष राशि भरणी नक्षत्र पर लगने वाला यह ग्रहण अशुभकारी माना जा रहा है. इसका प्रभाव 12 राशियों पर पड़ेगा लेकिन इसका विशेष अशुभ प्रभाव मेष राशि भरणी नक्षत्रों वाले जातकों को इसके अलावे इस ग्रहण का प्रभाव वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि में अधिक असर होगा. इन राशि वाले जातकों को सम्भल कर रहना होगा. इन्हें स्वास्थ्य, रोजगार-व्यवसाय, कर्मक्षेत्र, ऑफिस तथा आर्थिक पक्ष में विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.
ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए करें ये कार्य
अशुभ प्रभाव निवारण के लिए अपने इष्टदेव या भगवान शिवजी का ध्यान करें.नमः शिवाय मंत्र का जप करें.
भारत के अलग-अलग स्थानों में यह ग्रहण चन्द्रोदय के स्थानीय समयानुसार दिखाई देना प्रारम्भ होगा तथा मोक्ष या समाप्ति 18.19.41P.M. पर हो जायेगी. सूतक काल चन्द्रग्रहण के 9 घंटे पहले सुबह 8.10 बजे शुरू होगा, जो शाम के 6.19 बजे समाप्त होगा. रांची में चन्द्र ग्रहण शाम 5 बजकर 03 मिनट में प्रारंभ होगा तथा 6 बजकर 19 मिनट में समाप्त होगा.
यूनिवर्सल टाईम के अनुसार इस ग्रहण का आरंभ 1.32.17 P.M. से होगा तथा समाप्ति 7.27 P.M.पर होगी. भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण दोपहर 2 बजकर 41 बजे शुरू होगा तथा शाम को 6 बजकर 18 मिनट पर मोक्ष होगा.
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शास्त्रों के अनुसार ग्रहण स्पर्श के समय स्नान पुनः मोक्ष के समय स्नान करना चाहिए.
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सूतक लग जाने पर मन्दिर में प्रवेश करना मूर्ति को स्पर्श करना, भोजन करना, शुभ कार्य के लिए यात्रा करना वर्जित है.
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बालक, वृद्ध, रोगी बहुत आवश्यक होने पर शाम 3.37 बजे तक पथ्थाहार ले सकते हैं.
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भोजन सामग्री जैसे दूध, दही, घी इत्यादि में तुलसी पत्र या कुश रख देना चाहिए.
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गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखनी चाहिए उन्हें यह ग्रहण नहीं देखना चाहिए.
डॉ. एन.के.बेरा, 9431114351
अध्यक्ष बांग्ला विभाग रांची विश्वविद्यालय, झारखंड रत्न, ज्योतिष सम्राट, ज्योतिष सिद्धांत एकाधिक स्वर्ण पदक प्राप्त.