Effect Of Lunar Eclipse In Aries, Chandra Grahan 2022 Date and Time: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा के दिन 8 नवंबर को यानी आज लग रहा है, जो भारत के कई हिस्सों में नजर आएगा. सूर्य ग्रहण के बाद आज साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगनेवाला है. यह चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा और भारत में दृश्यमान होगा. ज्योतिष शास्त्र के नजरिये से इसे खास माना जा रहा है.
ज्योतिषविदों का कहना है कि साल के आखिरी चंद्र ग्रहण के मौके पर ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है. इस दिन ग्रहों के सेनापति मंगल, शनि, सूर्य और राहु आमने-सामने होंगे. ऐसे में भारत वर्ष की कुंडली में तुला राशि पर सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र की युति बन रही है. इसके अलावा, शनि कुंभ राशि में पंचम और मिथुन राशि में नवम भाव पर मंगल की युति विनाशकारी योग बना रही है. चंद्र ग्रहण का ऐसा संयोग बहुत ही अशुभ माना जा रहा है.
इधर, शनि और मंगल के आमने-सामने होने से षडाष्टक योग, नीचराज भंग और प्रीति योग भी बन रहा है. ऐसे में चंद्र ग्रहण के दौरान लोगों को काफी संभलकर रहने की सलाह दी जा रही है. चंद्र ग्रहण के समय मंगल और बृहस्पति जैसे प्रमुख ग्रह वक्री अवस्था में रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र में किसी ग्रह के वक्री होने का मतलब उसकी उलटी चाल से होता है.
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सूतक काल सुबह 9 बज कर 21 मिनट से होगा शुरू आचार्य बाल मुकुंद पांडेय ने बताया कि आठ नवंबर को चंद्र ग्रहण का सूतक काल सुबह 09 बज कर 21 मिनट से शुरू हो जायेगा. स्थान के आधार पर सूतक काल के प्रारंभ समय में अंतर संभव है. यह ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा को लग रहा है. कार्तिक पूर्णिमा सात नवंबर को शाम 04:15 बजे से शुरू होकर 08 नवंबर को शाम 04:31 बजे तक है.
खगोल विज्ञान केंद्र ने बताया है कि इसके बाद आंशिक ग्रहण की स्थिति शाम 6 बजकर 19 मिनट तक देखा जा सकेगा. बता दें कि पूर्णिमा के दिन ही चंद्र ग्रहण लगता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है. इस दिन तीनों (सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी) एक सीधी रेखा में होते हैं.
साल का आखिरी चंद्र भारत के कई हिस्सों में नजर आएगा, जो पूर्ण ग्रहण केवल पूर्वी भागों से दिखाई देगा कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, रांची, गुवाहाटी में साल के इस अंतिम चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा.
देश के पूर्वी हिस्सों से ग्रहण की पूर्णावस्था एवं आंशिक अवस्था दोनों दिखाई देगी. यह ग्रहण दक्षिणी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तर अटलांटिक महासागर तथा प्रशांत महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा.