इस दिन है साल का पहला चंद्रग्रहण, इन राशि वालों को रहना होगा सावधान

Chandra Grahan 2025 Rashifal: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, प्रत्येक ग्रह अपनी स्थिति को एक निश्चित समयांतराल पर परिवर्तित करता है, जिससे विभिन्न राशियों पर भिन्न-भिन्न प्रभाव उत्पन्न होते हैं. इस वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन होगा. यह ग्रहण कुछ राशियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करें.

By Shaurya Punj | February 15, 2025 11:30 AM
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Chandra Grahan 2025 Rashifal: वैदिक ज्योतिष के सिद्धांतों के अनुसार, प्रत्येक ग्रह एक निर्धारित समयावधि में अपनी स्थिति में परिवर्तन करता है, जिसका प्रभाव सभी राशियों के जातकों के जीवन पर किसी न किसी रूप में अवश्य पड़ता है. यह उल्लेखनीय है कि इस वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन होगा.

किस दिन लगेगा साल का पहला चंद्रगहण

इस वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन, अर्थात् 14 मार्च 2025 को होगा. यह ग्रहण सुबह 9:29 बजे से लेकर दोपहर 3:29 बजे तक रहेगा. हालांकि, यह चंद्र ग्रहण भारत में दृष्टिगोचर नहीं होगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. फिर भी, ग्रहों की स्थिति के कारण यह कुछ राशियों के जीवन पर प्रभाव डाल सकता है.

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मिथुन राशि

इस राशि के जातकों के जीवन में कुछ चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं. इस दौरान सुख-सुविधाओं की कमी महसूस की जा सकती है. घर में किसी न किसी मुद्दे को लेकर विवाद उत्पन्न हो सकता है, जिससे आप मानसिक तनाव का अनुभव कर सकते हैं. इस स्थिति में किसी भी प्रकार के विवाद से बचने का प्रयास करें, क्योंकि आप कानूनी समस्याओं में फंस सकते हैं.

सिंह राशि

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं. करियर में रुकावटें और बाधाएँ आ सकती हैं. किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय को इस समय टालना बेहतर रहेगा. जीवन में तनाव और नकारात्मकता का माहौल बना रह सकता है.

तुला राशि

इस राशि के जातकों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. छोटे कार्यों में भी अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है, फिर भी सफलता की प्राप्ति में कठिनाई हो सकती है. अनावश्यक खर्चों के कारण आप चिंतित रह सकते हैं. यह ग्रहण बारहवें भाव में स्थित है, जिससे इस राशि के जातकों के जीवन में चुनौतियां बढ़ सकती हैं.

ज्योतिष शास्त्र में दी गई है ग्रहण को लेकर ये जानकारी

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह ग्रहण केतु के प्रभाव से उत्पन्न होने वाला है. राहु और केतु को छाया ग्रहों के रूप में देखा जाता है, जिन्हें सांप के समान माना गया है, और इनके डसने पर ग्रहण की स्थिति उत्पन्न होती है. कुछ व्यक्तियों का यह भी मानना है कि जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने का प्रयास करते हैं, तब चंद्र ग्रहण होता है. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा में स्थित होते हैं, तब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर तो पड़ता है, किंतु चंद्रमा पर नहीं. इस घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है.

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