Dhan Yog in Kundli: ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के दूसरे घर को वित्त का घर माना जाता है. वहीं, ग्यारहवें घर को लाभ का घर माना जाता है. इन दोनों घरों के संबंध से ही धन योग बनता है.
कुंडली में धन योग बनने के लिए निम्नलिखित स्थितियां होनी चाहिए:
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लग्न कुंडली में द्वितीय, पंचम, नवम और एकादश भाव में कोई भी ग्रह हो तो यह धन योग बनाता है.
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कुंडली में द्वितीय भाव का स्वामी एकादश भाव में और एकादश भाव का स्वामी द्वितीय भाव में हो तो धन योग बनता है.
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कुंडली में गुरु और शुक्र जैसे ग्रहों की युति भी धन लाभ में बड़ी भूमिका अदा करते हैं. इसलिए कुंडली में इन दो ग्रहों की स्थितियां बहुत ही प्रभावशाली मानी जाती है.
कुंडली में धन योग के प्रभाव
कुंडली में धन योग होने से जातक को धन की प्राप्ति होती है. यह धन किसी भी रूप में हो सकता है, जैसे कि नौकरी, व्यवसाय, शेयर बाजार, लॉटरी, आदि. धन योग होने से जातक का जीवन सुखमय और ऐश्वर्यपूर्ण होता है.
कुंडली में धन योग के उपाय
यदि आपकी कुंडली में धन योग है, तो आप निम्नलिखित उपायों को करके धन लाभ को और अधिक बढ़ा सकते हैं:
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भगवान विष्णु की पूजा करें.
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तिल का दान करें.
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काले तिल का दान करें.
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तिल के लड्डू बनाकर प्रसाद वितरित करें.
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इन उपायों को करने से आपके जीवन में धन की प्राप्ति और भी अधिक होगी.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्र
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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