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Gemology: जानें रत्न धारण करने से जीवन में क्या प्रभाव पड़ता है, कैसे रत्न धारण करें

Gemology: रत्न ग्रहों को शांति और मजबूती के लिए धारण किया जाता है लोगो की सोच यह बनता है सभी पत्थर रत्न ही होते है सबसे पहले इसे जानना जरुरी है पत्थर और रत्न में बहुत कुछ अंतर होता है ,रत्न एक प्रकार का पत्थर ही होते है लेकिन उसमे से हम छाटकर निकालते है.

Gemology: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्न ग्रहों को शांति और मजबूती के लिए धारण किया जाता है लोगो की सोच यह बनता है सभी पत्थर रत्न  ही होते है सबसे पहले इसे जानना जरुरी है पत्थर और रत्न में बहुत कुछ अंतर होता है ,रत्न एक प्रकार का पत्थर ही होते है लेकिन उसमे से हम छाटकर निकालते है. उनका सिनाख्त कर के टेस्ट किया जाता है ऐसा करने के बाद उसका इस्तमाल दैनिक जीवन में उनका बेहतर उपयोग कर सकते है. अगर ऐसा नहीं करे तो बिना सोचे -समझे रत्न का इस्तेमाल करते है तो जीवन में कई तरह से उतार चढ़ाव बन जाता है जैसे जब तक कोई नवजात शिशु मां के गर्भ में रहता है तब तक वह ग्रहों की प्रत्यक्ष किरण के प्रभाव से मुक्त होता है लेकिन जैसे ही उसका चरण धरती पड़ पड़ता है वैसे ही सभी ग्रह की किरणों उसके निर्विकार शारीर पर छा जाता है ग्रहों की कमजोर किरण बालक को अधिक प्रभावित करता है उसका प्रभाव लम्बे समय तक रहता है. इसका विवरण बालक के जन्मकुंडली से मालूम  चल जाता है कौन सा ग्रह किस स्थान पर है उस ग्रह का किरण कितना मजबूत है इसी हिसाब से प्रत्येक ग्रहों का स्वामी का रत्न धारण करते है जिससे जीवन में अलौकिक शक्ति का समावेश  होता है जिसके कारण वयोक्ति के जीवन को स्वस्थ्य ,सुखमय और मन को प्रस्सन बनाये रखने की अपूर्व  क्षमता बढ़ जाती है.

शुभ रत्न  ,जीवन रत्न ,भाग्य रत्न ,यह क्या होता है

आम धारणा यह है कि जन्म कुंडली में त्रिकोण ग्रह सदेव बहुत हो शुभ होता है त्रिकोण के तीन भावों प्रथम, पंचम ,और नवम को महत्वपूर्ण माना जाता है प्रथम भाव लग्नेश के रत्न धारण  करने से स्वास्थ्य ठीक रहता है. पंचम भाव यानि पंचमेश का रत्न धारण करने से पुण्य रत्न होता है नवम भाव यानि नवमेश का रत्न धारण करने से भाग्य की उन्नति होता है उसे भाग्य रत्न कहा जाता है इन तीनों भाव में अगर कमजोर ग्रह है फिर भी उनका रत्न धारण किया जा सकता है इसके अतिरिक्त किसी अन्य भावेश की दशा चल रही हो जो निर्बल हो ,अनिष्टकारी है उस भावेश के राशि के ग्रह रत्न धारण कर सकते है आपको इस बात को ध्यान रखना चाहिए मारक ,बाधक, नीच या अशुभ ग्रह का रत्न कभी धारण नहीं करे. रत्न धारण वयोक्ति के आयु /वजन के अनुशार रत्न धारण करे छोटे बच्चे के लिए रत्न का अंगूठी नहीं बनाये उसके लिए गले में पेंडेंट धारण कराये तो बेहतर होता है रतन को धारण करने के पहले ज्योतिष से सलाह लेकर ही रत्न धारण करे बेहतर होगा.

किसका रत्न धारण करे राशि या लगन का  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति अगर लगन कुंडली के अनुसार अगर रत्न धारण करे तो जीवन में भरपूर उन्नति होता है साथ में परिवार के साथ स्वास्थ्य भी ठीक रहता है जो आपके दैनिक जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है .

रत्न कैसे धारण करें

रत्न धारण करने से पहले यह जानकारी रखना जरुरी होता है रत्न पहनने के लिए शुभ दिन ,तिथि तथा पक्ष तथा नक्षत्र का होना जरुरी होता है .रतन धारण करने से पूर्व रत्न सम्बंधित ग्रह का  मन्त्र 108 बार जाप करे तथा ग्रह सम्बंधित वस्तुए दान करे तब रत्न आपके जीवन में बेहतर लाभ प्रदान कराएगा .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा  

ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ 

8080426594/9545290847

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