Aries Yearly Horoscope 2024: मेष राशि वालों के लिए कैसा रहेगा साल 2024? जानें अपना वार्षिक राशिफल

Aries Yearly Horoscope 2024 (मेष राशि (21 मार्च से 20 अप्रैल): स वर्ष होनेवाली महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटनाओं में एक है 1 मई, 2024 को दोपहर 14:29 बजे वृषभ राशि में देव गुरु बृहस्पति का होनेवाला गोचर. बृहस्पति को शुभ और वृद्धि कारक ग्रह कहा जाता है और जिन-जिन भावों पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ती है.

By Shaurya Punj | December 31, 2023 10:54 AM
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Aries Yearly Horoscope 2024 (मेष राशि (21 मार्च से 20 अप्रैल): वैदिक ज्योतिष के अनुसार, नववर्ष 2024 का आगमन महादेव के प्रिय दिवस सोमवार को पौष मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि, लग्नेश बुध, सिंह राशि, मघा नक्षत्र व आयुष्मान योग में हो रहा है. इस वर्ष होनेवाली महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटनाओं में एक है 1 मई, 2024 को दोपहर 14:29 बजे वृषभ राशि में देव गुरु बृहस्पति का होनेवाला गोचर. बृहस्पति को शुभ और वृद्धि कारक ग्रह कहा जाता है और जिन-जिन भावों पर बृहस्पति की दृष्टि पड़ती है, अपनी शुभ दृष्टि से उन भावों की और उनसे संबंधित फलों की वृद्धि करते हैं. इस आधार पर जानते हैं 12 राशियों का वार्षिक राशिफल क्या संकेत दे रहा है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेष राशि के जातकों में नेतृत्व क्षमता गजब की होती है. आपके स्वामी ग्रह मंगल देव हैं, जो साहस और पराक्रम के देवता माने गये हैं. आमतौर पर मेष राशि के लोग स्पष्टवादी और निडर होते हैं. अपनी बहुमुखी प्रतिभा की वजह से ये लोग हर किसी के दिल पर राज करते हैं.

आपकी राशि के स्वामी ग्रह मंगल महाराज वर्ष की शुरुआत में धनु राशि में आपके नवम भाव में सूर्य महाराज के साथ स्थित होंगे, जिससे लंबी यात्राओं के योग बनेंगे. आपके सम्मान में बढ़ोतरी होगी. कोई अच्छा ओहदा मिल सकता है. व्यापार में उन्नति के अच्छे योग बनेंगे. स्वास्थ्य में सुधार होगा. देव गुरु बृहस्पति वर्ष की शुरुआत में आपके प्रथम भाव में बने रहकर आपके प्रेम भाव, वैवाहिक जीवन, रोजगार-व्यापार को मजबूत बनायेंगे. 1 मई को देव गुरु बृहस्पति आपके दूसरे भाव में जाकर आर्थिक उन्नति के योग बनायेंगे. साल की शुरुआत से ही आपको अपने भाग्य का पूरा साथ मिलने वाला है. आपके घर में खुशियां आयेंगी और कई अटके काम पूरे होंगे.

इस साल देव गुरु बृहस्पति आपके लिए उच्च कोटि की संतान का योग बना रहे हैं. देव गुरु जब आपके लग्न में ही गोचर करेंगे, तो पंचम भाव पर उनकी दृष्टि होगी. बृहस्पति खुद संतान के कारक हैं. ऐसे में इस समय संतान प्राप्ति के योग प्रबल हैं.

बृहस्पति का गोचर आपके लग्न में ही हो रहा है और उस पर शनि देव की दृष्टि होगी. जब दोनों बड़े ग्रह गुरु और शनि किसी भाव पर एक साथ प्रभाव डालते हैं, तो उस भाव से जुड़े शुभ फल में वृद्धि हो जाती है. इस कारण साल के शुरुआती चार महीनों में आपको न सिर्फ अपने परिवार में, बल्कि समाज में भी मान-सम्मान प्राप्त होगा और आपका उत्साह चरम पर होगा.

ग्रहों के राजा कहे जाने वाले सूर्य 14 अप्रैल को उच्च के हो जायेंगे और उनका गोचर आपके लग्न में ही होगा. प्रथम भाव में विराजमान गुरु से उनकी युति होगी, जिससे एक राजयोग का निर्माण होगा. सरकारी क्षेत्र में काम रहे जातको को इस समय उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है. छात्र वर्ग को भी इस युति से लाभ होगा. अगर आप कोई नया कारोबार शुरू करना चाह रहे हैं, तो अप्रैल से मई तक का समय काफी बढ़िया है.

पूरे नवग्रह में सबसे धीमे कहे जाने वाले शनि देव इस साल जून तक मार्गी रहने वाले हैं और आपके लाभ स्थान में बैठकर उन्होंने लाभ योग का निर्माण किया है. ऐसे में शनि से जुड़े शुभ परिणाम आपको प्राप्त होंगे. 30 जून को वक्री होने से पहले उच्च कोटि का धन योग आपके लिए शनि देव बना रहे हैं. ऐसे में आपके आय के एक से अधिक स्तोत्र हो सकते हैं और अनेक माध्यमों से आपको धन की प्राप्ति होगी. इस साल आप अपने पुरुषार्थ और भाग्य के द्वारा धन लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे.

देव गुरु बृहस्पति 1 मई को आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे. वृष राशि में गुरु होंगे और आपके धन और परिवार के स्थान को प्रभावित करेंगे. इसके कारण न सिर्फ आपके धन की वृद्धि होगी, बल्कि आप नौकरी में भी बढ़िया प्रदर्शन करेंगे. आपका अटका हुआ धन भी आपको इस समय प्राप्त होगा. गुरु की नवम दृष्टि आपके दशम भाव पर होगी, जिसके कारण आप अपने करियर में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे.

देव गुरु बृहस्पति समस्याओं से तो बचायेंगे, लेकिन राहु और केतु तथा अन्य ग्रहों का प्रभाव बीच-बीच में रक्त संबंधी समस्याएं और सिर दर्द तथा अन्य छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं दे सकते हैं. हालांकि पूरे साल केतु महाराज आपके छठे भाव में विराजमान रहेंगे. ऐसे में यहां विराजमान केतु आपको अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में मदद करेंगे.

शुभ रंग- हरा

शुभ अंक-04

शुभ दिन- मंगलवार

अमृतसिद्धि मंत्र : ऊँ एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते। अनुकम्पय मां देवी गृहाणा‌र्घ्यं दिवाकर ।।

उपाय : मंगलवार के दिन व्रत रखें और हनुमान जी की पूजा अवश्य करें. साथ ही इस दिन हनुमान चालीसा अथवा बजरंग बाण का पाठ अवश्य करें. प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य दें.

डॉ श्रीपति त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य

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